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औरंगजेब विवाद के बीच महाराष्ट्र के मंदिरों में घटी श्रद्धालुओं की संख्या, पर्यटन में आई कमी

संभाजीनगर में स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, भद्र मारुति, गिरिजा देवी मंदिर और सुलीभंजन दत्त मंदिर सहित कई मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट आई है. देवगिरी किले में भी लोगों की संख्या घटी है, जहां आमतौर पर भीड़ रहती है. ये सभी पर्यटन स्थल एक दूसरे के पास स्थित हैं.

नागपुर में भड़की थी हिंसा. नागपुर में भड़की थी हिंसा.
ओमकार
  • मुंबई,
  • 20 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 1:44 AM IST

महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर पिछले कुछ दिनों से माहौल गर्माया हुआ है. नागपुर में हिंसक झड़प भी हुई. दरअसल, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राज्य सरकार से औरंगजेब की मजार को गिराने की मांग की थी. इन समूहों ने चेतावनी दी थी कि अगर शिव जयंती तक मजार को नहीं गिराया गया, तो वे खुद मामले को हाथ में लेंगे. पक्ष-विपक्ष में इस मुद्दों को लेकर तीखी बहस हो रही है. लेकिन इन सबके बीच हिंदू धार्मिक स्थलों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

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हिंदू मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट

राज्य में चल रहे तनाव का असर मंदिरों में देखने को मिल रहा है. संभाजीनगर में स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, भद्र मारुति, गिरिजा देवी मंदिर और सुलीभंजन दत्त मंदिर सहित कई मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट आई है. देवगिरी किले में भी लोगों की संख्या घटी है, जहां आमतौर पर भीड़ रहती है. ये सभी पर्यटन स्थल एक दूसरे के पास स्थित हैं. 

घृष्णेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. सामान्य दिनों में यहां रोजाना 20,000 श्रद्धालु आते हैं. सप्ताहांत और सोमवार को यह संख्या 40,000 से ऊपर जाती है. हालांकि, मंदिर के ट्रस्टी योगेश तोपरे ने बताया कि अशांति के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट आई है. पिछले तीन दिनों में केवल 18,000 से 20,000 श्रद्धालुओं ने मंदिर का दौरा किया, और नागपुर दंगों के बाद यह संख्या घटकर सिर्फ 5,000 रह गई है.

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भद्र मारुति मंदिर में 40% की गिरावट

प्राचीन भद्र मारुति मंदिर, जो अपने अद्वितीय शयन मुद्रा में बैठे हनुमान प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है. वहां भी रोजाना करीब 15,000 श्रद्धालु आते हैं लेकिन इस विवाद के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में 40% की गिरावट आई है.

मंदिरों के आसपास के स्थानीय व्यवसायों को भी भारी नुकसान हुआ है. पूजा सामग्री, फूल, प्रसाद और धार्मिक स्मृतियों की बिक्री करने वाले विक्रेताओं ने 70% तक बिक्री में गिरावट की सूचना दी है.

पर्यटन पर असर

विवाद ने क्षेत्र में पर्यटन को भी प्रभावित किया है. एलोरा गुफाएं, दाउलताबाद किले की यात्रा करने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आई है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है. कई श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने सुरक्षा कारणों से अपने यात्रा कार्यक्रम को रद्द कर दिया है.

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