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अनिल देशमुख एक आम आदमी, वे जांच का तरीका तय नहीं कर सकते: बॉम्बे हाईकोर्ट में ED की दलील

जांच एजेंसी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अमन लेखी ने कहा, एजेंसी ने कानून के मुताबिक समन जारी किया है. इसके बावजूद देशमुख व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हुए हैं. देशमुख को आशंका है कि जांच एजेंसी को जो सबूत मिले हैं, उनके आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख
विद्या
  • मुंबई,
  • 14 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST
  • ईडी के समन के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचे देशमुख
  • ईडी की मांग- रद्द हो देशमुख की याचिका

बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन के खिलाफ महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. ईडी ने देशमुख को अब तक 5 समन जारी किए हैं. इसके बावजूद देशमुख ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं. ऐसे में देशमुख ने याचिका दायर कर इन समन को रद्द करने और गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा की मांग की है. 

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बुधवार को सुनवाई के दौरान ईडी ने देशमुख की याचिका का विरोध किया. जांच एजेंसी ने कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि एजेंसी के पास 'जांच करने' और किसी भी मामले में सबूत इकट्ठा करने और दोषियों को सजा दिलाने का अधिकार है. 

'कानून के मुताबिक जारी हुए समन'

जांच एजेंसी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अमन लेखी ने कहा, एजेंसी ने कानून के मुताबिक समन जारी किया है. इसके बावजूद देशमुख व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हुए हैं. देशमुख को आशंका है कि जांच एजेंसी को जो सबूत मिले हैं, उनके आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. 

'वे पेश नहीं हो रहे' 

अमन लेखी ने देशमुख की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वे पेश नहीं हो रहे हैं, सिर्फ जवाब दे रहे हैं. यह कोई अनुचितता नहीं है और नियत प्रक्रिया का उल्लंघन है. देशमुख जांच का तरीका तय नहीं कर सकते. वे कौन हैं? हो सकता है कि वह एक समय में सरकार में अहम पद पर रहे हों. लेकिन अभी, वे एक आम आदमी हैं और उन्हें कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं. 

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लेखी ने देशमुख की याचिका खारिज करने की मांग करते हुए कहा, इसमें कोई विशेषाधिकार नहीं हैं. एजेंसी द्वारा शुरू किए गए मामले में कोई दुर्भावना नहीं है. लेखी ने आगे कहा कि ईडी को अपने विवेक के अनुसार स्थान और समय पर संदिग्ध से पूछताछ करने का अधिकार है और देशमुख जांच का तरीका तय नहीं कर सकते. इसलिए उन्हें कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि जांच प्रारंभिक चरण में है. अगर हाईकोर्ट इस मामले में कोई आदेश जारी करता है तो इससे प्रक्रिया बधित होगी. 

ईडी ने लगाया मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

इससे पहले ईडी की जांच में दावा किया गया है कि गृह मंत्री के रूप में देशमुख को विभिन्न ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से लगभग 4.7 करोड़ रुपये अवैध रूप से प्राप्त हुआ था. ईडी ने देशमुख पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है. वहीं, देशमुख की ओर से पेश वकील ने हाईकोर्ट में कहा, देशमुख जांच में सहयोग करना चाहते हैं, बशर्ते यह निष्पक्षता से हो. 

 

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