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महाराष्ट्रः सुपरमार्केट में शराब बिक्री के खिलाफ अन्ना ने टाला अनशन, ये रही यू-टर्न लेने की वजह

रालेगण सिद्धि में एक सभा में अन्ना हजारे ने कहा कि राज्य सरकार ने कैबिनेट के फैसले को नागरिकों के सामने उनके सुझावों और आपत्तियों के लिए रखने का फैसला किया है. इसलिए मैंने भूख हड़ताल स्थगित करने का फैसला लिया है.

 सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (फाइल फोटो) सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • पुणे,
  • 14 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:04 AM IST
  • रालेगण सिद्धि में हुई सभा में लिया फैसला
  • अन्ना बोले-शराब महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Social worker Anna Hazare) ने अब आज से प्रस्तावित भूख हड़ताल ( Hunger Strike) स्थगित करने का फैसला किया है. बता दें कि उन्होंने पहले ऐलान किया था कि वह सुपरमार्केट (Supermarkets) और किराना की दुकानों में शराब की बिक्री की अनुमति देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के खिलाफ भूख हड़ताल करेंगे. 

रालेगण सिद्धि में रविवार को एक सभा का आयोजन किया गया. इसमें अन्ना हजारे ने कहा कि राज्य सरकार ने कैबिनेट के फैसले को नागरिकों के सामने उनके सुझावों और आपत्तियों के लिए रखने का फैसला किया है. उनकी मंजूरी के बाद ही सरकार अंतिम निर्णय लेगी. इसलिए मैंने भूख हड़ताल स्थगित करने का फैसला लिया है.

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सरकार किराना स्टोर में क्यों बेचना चाहती शराब

बता दें कि हाल ही में अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य के लोगों ने मांग की है कि सुपरमार्केट और वॉक-इन दुकानों पर शराब की बिक्री की अनुमति देने वाली नीति को तुरंत वापस लिया जाए. वहीं रविवार को हुई बैठक के दौरान अन्ना हजारे ने कहा कि शराब बेचने के लिए बीयर बार, परमिट रूम और दुकानें बहुत हैं, फिर सरकार इसे सुपरमार्केट और किराना स्टोर में क्यों बेचना चाहती है.

'ये हमारी संस्कृति को नष्ट कर देगा'

अन्ना हजारे ने कहा कि शराब महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज और संत तुकाराम महाराज कभी रहते थे, वहां सुपरमार्केट में शराब की बिक्री हमारी संस्कृति को नष्ट कर देगी.

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'यहां लोकतंत्र है, तानाशाही नहीं'

इस दौरान उन्होंने कहा कि यहां लोकतंत्र है, तानाशाही नहीं. इसलिए नागरिकों से सुझाव और आपत्तियां लेने के बाद ही सरकार को कोई निर्णय लेना चाहिए. साथ ही लोगों को अपने विचार रखने के लिए 3 महीने का समय दिया जाना चाहिए.

 

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