
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अब महाराष्ट्र सरकार की Liquor Policy के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में अन्ना हजारे ने Liquor Policy में बदलाव करने की मांग की है. ऐसा न होने पर उन्होंने सरकार के खिलाफ अनशन करने की चेतावनी दी है.
अन्ना हजारे ने शनिवार को सीएम उद्धव ठाकरे को रिमाइंड (स्मरण पत्र) लेटर लिखा. पत्र में उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले का विरोध किया, जिसमें सुपरमार्केट्स और वॉक-इन-शॉप (घर के पास की दुकान) पर Wine बेचने की अनुमति दी गई है. उन्होंने आगे लिखा कि अगर सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो वे आमरण अनशन करेंगे.
अन्ना हजारे ने कहा कि इससे पहले भी वे 3 फरवरी को सीएम ठाकरे को पत्र लिख चुके हैं. लेकिन अब तक उनका कोई जवाब नहीं आया. इसलिए उन्होंने सरकार को याद दिलाने के लिए एक और पत्र लिखा है. अन्ना हजारे में कहा कि उन्होंने सीएम ठाकरे के अलावा राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार को भी चिट्ठी लिखी थी. लेकिन उनकी तरफ से भी कोई जवाब नहीं आया. हजारे ने आगे कहा कि महाराष्ट्र सरकार की शराब नीति बेहद खतरनाक है. इससे आने वाली पीढ़ी नशे की आदी हो सकती है. अन्ना हजारे ने आगे कहा कि महाराष्ट्र सरकार की शराब नीति के खिलाफ वे जल्द ही आमरण अनशन शुरू करने वाले हैं. उन्होंने सरकार की नीति के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
किस नीति का विरोध कर रहे अन्ना हजारे?
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली स्टेट कैबिनेट ने सुपरमार्केट और वॉक-इन स्टोर में Wine की बिक्री को मंजूरी दे दी है. वर्तमान में राज्य में फलों, फूलों और शहद से Wine का उत्पादन किया जाता है. सरकार का कहना है कि इस फैसले से वाइन बनाने वाली छोटी कंपनियों और राज्य के किसानों को फायदा होगा
नई नीति के मुताबिक, धार्मिक स्थान या एजुकेशनल इस्टीट्यूट के आसपास स्थित सुपरमार्केट या वॉक-इन शॉप में वाइन की बिक्री नहीं होगी. इसके अलावा 100 वर्ग मीटर से बड़े आकार के सुपर मार्केट्स एवं वॉक-इन स्टोर में ही वाइन की बिक्री होगी. ऐसे सुपरमार्केट्स और दुकानों में बंद Cupboards में वाइन की बोतलें रखी जाएंगी.