
ड्रग्स केस में गवाह के दावे के बाद एनसीबी ने सेशन कोर्ट का रुख किया है. एनसीबी ने कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल किया है. जांच एजेंसी ने कोर्ट में कहा है कि जांच को भटकाने की बहुत सारी कोशिशें की जा रही हैं. कभी धमकी दी जा रही है, तो कभी पंचों, गवाहों को प्रभावित किया जा रहा है.
कोर्ट में दो हलफनामे दाखिल किए गए हैं. पहला समीर वानखेड़े ने और दूसरा एनसीबी की ओर से. समीर वानखेडे़ ने कोर्ट से अपील की है कि उन्हें धमकी देने और जांच में बाधा डालने के प्रयासों पर संज्ञान लिया जाए. उधर, गवाह प्रभाकर जॉइंट सीपी से मुलाकात करने पहुंचे हैं. इस दौरान प्रभाकर के वकील भी मौजूद हैं.
जांच को भटकाने की कोशिश
एनसीबी के हलफनामे में गवाह के मुकर जाने और कुछ लोगों द्वारा प्रभावित करने की बात कही गई है. एनसीबी की ओर से पेश अद्वैत सेठना ने कहा, जांच को भटकाने की बहुत सारी कोशिशें हो रही हैं. कभी धमकी दी जा रही है. कभी पंचों, गवाहों को प्रभावित किया जा रहा है. जांच को प्रभावित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं.
गवाह का दावा- सादे कागज पर कराए गए हस्ताक्षर
आर्यन की गिरफ्तारी के दिन एक अनजान शख्स की फोटो उनके साथ वायरल हुई थी. इस शख्स की पहचान किरण गोसावी के रूप में हुई थी और पहचान के बाद वो फरार हो गया था. उसी किरण गोसावी के बॉडीगार्ड व इस केस में पंच प्रभाकर ने एक अहम खुलासा किया है.
प्रभाकर के मुताबिक, उससे पंचनामा पेपर बताकर खाली कागज पर जबरन साइन करवाया गया था. उसे इस गिरफ्तारी के बारे में नहीं पता था. प्रभाकर ने एक हलफनामा तैयार किया था जिसमें उसने दावा किया कि वो इस क्रूज रेड के बाद हुए ड्रामे का गवाह है.
प्रभाकर ने यह दावा किया है कि वो क्रूज रेड की रात गोसावी के साथ था. प्रभाकर ने यह भी दावा किया है कि उसने गोसावी को सैम नाम के शख्स से एनसीबी के दफ्तर के पास मिलते देखा था. प्रभाकर का कहना है कि जब से गोसावी रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया है, उन्हें समीर वानखेड़े से अपनी जान का खतरा है.