
पानी के लिए हिंसा के बाद महाराष्ट्र के औरंगाबाद में जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है. पुलिस की धरपकड़ तेज हुई तो साजिश करने वाले हवालात पहुंच गए. अब पूरे इलाके में पुलिस की भारी तैनाती की गई है. वहीं अबतक 30 से 35 लोग हिरासत में लिए गए हैं.
पानी की अवैध पाइप लाइन काटने को लेकर महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में जब शुक्रवार रात करीब 10 बजे बवाल भड़का तो देखते ही शहर का एक इलाका धू-धूकर जल उठा. 2 लोगों की मौत हुई. करीब 60 जख्मी हुए. बवाल के करीब 40 घंटे बीतने के बाद अब हालात शांत हैं लेकिन शहर में पुलिस की चौकसी जारी है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री रंजीत पाटिल ने बताया कि औरंगाबाद हिंसा की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है.
जगह-जगह पुलिस गश्त कर रही है. इस गश्त का नतीजा भी सामने आया. कुछ आसामाजिक तत्व धरे गए और उनके पास मिले तेज धार वाले ये हथियार जो शहर के तनाव को किसी भी वक्त बढ़ा सकते थे. सर्च ऑपरेशन में पुलिस को कुछ पेट्रोल बम और केरोसिन से सने बॉल्स भी मिले हैं.
औरंगाबाद हिंसा को लेकर जो वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, उसके आधार पर अब तक 30 से 35 लोगों को पुलिस हिरासत में ले चुकी है. अफवाह पर लगाम लगाने के लिए इंटरनेट सेवा को अभी भी बंद रखा गया है. शहर में धारा 144 लागू है. महाराष्ट्र सरकार ने हिंसा की उच्चस्तरीय जांच की बात कही है.
AIMIM के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर औरंगाबाद हिंसा की जांच की मांग की है, खासकर हिंसा भड़काने में रच्चू पहलवान नाम के शख्स की भूमिका की जांच की मांग की है और इलाके में शांति स्थापित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने का अपील की है.
औरंगाबाद के पुलिस महानिरीक्षक मिलिंद भारंबे ने कहा कि पुलिस गोलीबारी में कथित रूप से मारे गये 17 वर्षीय एक बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. शहर में स्थिति सामान्य है. उन्होंने कहा, 'हमने किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किये हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैलाने पर अंकुश लगाने के लिए हमने इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं.' उन्होंने कहा, 'हमने लोगों से अफवाहों पर यकीन नहीं करने तथा पुलिस को कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने की अपील की है.'
एक अन्य पुलिस अधिकारी के अनुसार शुक्रवार को रात करीब 10 बजे मोती कारंजा इलाके में दो समुदायों के बीच झड़प छिड़ गयी थी और वह गांधीनगर, राजा बाजार, शाह गंज और सराफा क्षेत्रों में फैल गयी थी. उन्होंने बताया कि हिंसा में 2 लोग मारे गये और पुलिसकर्मियों समेत 60 से ज्यादा अन्य लोग घायल हुए. इस हिंसा में जान गंवाने वाला दूसरा व्यक्ति 65 वर्षीय एक बुजुर्ग था जो अपने घर में तब फंस गया था जब दंगाइयों ने उसके घर के बगल वाले घर में आग लगा दी थी. करीब 100 दुकानें जला दी गयी थीं और 40 से अधिक वाहन नष्ट कर दिये गये.
उन्होंने बताया कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय पुलिस , स्टेट रिजर्व पुलिस बल के कर्मियों को तैनात किया गया है. तलाशी अभियान के दौरान पेट्रोल बम और किरोसन से सने कपड़े के गोले मिले थे. स्थानीय सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से मोती कारंजा में तनाव की स्थिति बनती जा रही थी क्योंकि नगर निगम अवैध पानी कनेक्शनों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा था. जब एक उपासना स्थल का अवैध पानी कनेक्शन काटा गया तब उसने सांप्रदायिक रंग ले लिया.