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औरंगजेब के कब्र विवाद पर अब एकनाथ शिंदे बोले- अमेरिका ने भी ओसामा बिन लादेन की धरती पर नहीं बनने दी थी कब्र

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "मुगल बादशाह ने मराठा राजा छत्रपति संभाजीराजे को इस्लाम धर्म अपनाने का विकल्प दिया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और उन्हें क्रूरतापूर्वक प्रताड़ित किया गया और मार दिया गया."

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे (फाइल फोटो) महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 7:50 AM IST

मुगल बादशाह औरंगजेब (Aurangzeb) की कब्र को लेकर उठे विवाद के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका ने भी ओसामा बिन लादेन को अपनी जमीन पर दफनाने की इजाजत नहीं दी थी और किसी भी महिमामंडन से बचने के लिए उसके शव को समुद्र में फेंक दिया था.

विधान परिषद में सत्तारूढ़ और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक के बीच यह तीखा हमला किया गया, जब शिंदे ने शिवसेना (UBT) एमएलसी अनिल परब पर कटाक्ष किया.नागपुर हिंसा के बारे में सदन को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने मुगल बादशाह औरंगजेब के महिमामंडन पर सवाल उठाया, जिनकी कब्र दक्षिणपंथी संगठनों के बीच विवाद का विषय बन गई है और वे इसे हटाने की मांग कर रहे हैं.

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'संभाजीराजे को इस्लाम धर्म...'

उपमुख्यमंत्री ने अपनी स्पीच में कहा, "औरंगजेब कौन है? हमें अपने राज्य में उसका महिमामंडन क्यों करने देना चाहिए? वह हमारे इतिहास पर एक धब्बा है." उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह ने मराठा राजा छत्रपति संभाजीराजे को इस्लाम धर्म अपनाने का विकल्प दिया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और उन्हें क्रूरतापूर्वक प्रताड़ित किया गया और मार दिया गया. 

एकनाथ शिंदे ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल द्वारा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शासन की तुलना औरंगजेब के शासन से करने की आलोचना की. उन्होंने सवाल किया, "क्या फडणवीस ने कभी किसी को उस तरह प्रताड़ित किया, जिस तरह औरंगजेब ने अपने दुश्मनों को किया था?" 

यह भी पढ़ें: अपनी कब्र को लेकर क्या थी औरंगजेब की आखिरी ख्वाहिश? जानें वसीयत में मुगल शासक ने बेटे से क्या कहा

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औरंगजेब ने अपनी वसीयत में क्या कहा?
 
छह पीढ़ियों से औरंगजेब की कब्र की देखभाल करने वाले अफरोज अहमद का कहना है कि औरंगजेब ने अपने बेटे आजम शाह को वसीयत की थी कि उसकी कब्र उसके उस्ताद सूफी संत हजरत जैनुद्दीन शिराज़ी की दरगाह परिसर, खुल्दाबाद में कच्ची मिट्टी की बनाई जाए.

उन्होंने बताया कि औरंगजेब का कहना था कि उसकी कब्र पर किसी भी किस्म का गुम्मद या कोई इमारत न बनाई जाए. जैसी गरीबों की कब्र होती है, वैसी ही बनाई जाए... खुले आसमान के नीचे और कच्ची. आज भी उसकी कच्ची कब्र खुले आसमान के नीचे मौजूद है. यही वजह है कि बरसात के महीने में औरंगजेब की कब्र भीग जाती है.

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