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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: मर्डर के लिए दिया गया था 17 लाख का कॉन्ट्रैक्ट, चार्जशीट में हुए बड़े खुलासे

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में अब कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. दरअसल, मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस मामले को लेकर मकोका कोर्ट में चार्जशीट दायर की है. इस चार्जशीट में बताया गया है कि हत्याकांड को अंजाम देने के लिए हत्यारों को 17 लाख रुपए का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था.

Baba Siddiqui  (File Photo) Baba Siddiqui (File Photo)
दीपेश त्रिपाठी
  • मुंबई,
  • 09 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:35 AM IST

मुंबई क्राइम ब्रांच ने एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हाई-प्रोफाइल हत्या के संबंध में विशेष मकोका कोर्ट में दायर चार्जशीट में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. चार्जशीट के मुताबिक मर्डर के लिए 17 लाख रुपये का कॉन्ट्रैक्ट महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से दिया गया था, जिसमें बिश्नोई गिरोह ने अहम भूमिका निभाई थी.

क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने खुलासा किया है कि मनी ट्रेल जांच अनमोल बिश्नोई और शुभम लोनकर की तरफ इशारा करती है, जिन्होंने आरोपी सलमान वोहरा के नाम से गुजरात में कर्नाटक बैंक की आनंद शाखा में खोले गए खातों के माध्यम से फंडिंग की. लोनकर को इस खाते में जमा राशि को संभालने का काम सौंपा गया था, जबकि उत्तर प्रदेश में बिश्नोई गिरोह के स्लीपर सेल ने साजिशकर्ताओं से जुड़े खातों में पैसा ट्रांसफर किया था.

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महाराष्ट्र-UP से की गई फंडिंग

पैसे ट्रांसफर करने के लिए कैश डिपॉजिट मशीन (सीडीएम) का इस्तेमाल किया गया. करीब 60-70% फंडिंग महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से आई और अब तक विदेशी फंडिंग का कोई सबूत नहीं मिला है. हालांकि, कथित तौर पर फंड का एक हिस्सा हवाला नेटवर्क के जरिए आरोपियों तक पहुंचा था.

मंसूबा बदलने जा रहे थे आरोपी

महाराष्ट्र से की गई फंडिंग का पता लगा लिया गया है. जांचकर्ता अभी भी उत्तर प्रदेश से वित्तीय कनेक्शनों को जोड़ रहे हैं. चार्जशीट में शूटरों की बनाई गई योजना और निगरानी का भी विवरण है. शूटर शिव कुमार गौतम के मुताबिक दो महीने की टोह लेने के बाद वे हताश हो रहे थे, क्योंकि उन्हें हमला करने का सही समय नहीं मिल रहा था. लेकिन 12 अक्टूबर को उन्हें मौका मिल गया. उस दिन योजना सफल नहीं होती तो हत्या के प्लान को छोड़ दिया जाता.

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13 हजार में खरीदा मिर्च स्प्रे

चार्जशीट में कहा गया है कि शूटरों ने शूटिंग के बाद पुलिस के पीछा करने की आशंका जताई थी. पकड़े जाने से बचने के लिए उन्होंने 13 हजार का मिर्च स्प्रे खरीदा था. क्राइम ब्रांच ने जो सबूत जुटाए हैं, वह इस दावे का समर्थन करते हैं कि गौतम ने बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाई, जबकि गुरमेल सिंह ने पीछा कर रहे पुलिस अधिकारियों पर स्प्रे का इस्तेमाल किया. योजना बनाना, हथियारों की खरीद और मिर्च स्प्रे जैसी रणनीति का इस्तेमाल हत्या के पीछे की रणनीति को दर्शाता है. पुलिस बिश्नोई गिरोह से जुड़े पैसे और बाकी साथियों की तलाश में भी सुराग का पता लगा रही है.

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