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कौन है बच्चू कडू, जिसके संगठन ने बीफ रखने के आरोप में लोगों को पीटा?

नागपुर जिले में कुछ लोगों ने एक 36 वर्षीय शख्स की यह सोच कर पिटाई कर दी कि उसके पास गोमांस है. इस शख्स की शिकायत पर नागपुर पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है और बाकी लोगों की तलाश अभी चल रही है. गिरफ्तार किए गए लोग विधायक बच्चू कडू की प्रहार संगठन के बताए जा रहे हैं.

विधायक कुडू विधायक कुडू
पंकज खेळकर
  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 4:59 AM IST

नागपुर जिले में कुछ लोगों ने एक 36 वर्षीय शख्स की यह सोच कर पिटाई कर दी कि उसके पास गोमांस है. इस शख्स की शिकायत पर नागपुर पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है और बाकी लोगों की तलाश अभी चल रही है. गिरफ्तार किए गए लोग विधायक बच्चू कडू की प्रहार संगठन के बताए जा रहे हैं. हालांकि विधायक बच्चू कडू ने इसका खण्डन किया, लेकिन कहा कि अगर उस शख्स के पास गोमांस तो वे खुद उस  व्यक्ति की पिटाई करते जो गोमांस अपने साथ ले जा रहा हो.

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कौन है बच्चू कडू?

विधायक बच्चू कडू की उनके इलाके में अच्छी छवि है. ऐसा नेता जो हर किसी के मदद के लिए तत्पर रहता है. ऐसा व्यक्ति जो जरुरतमंदो के लिए दिन -रात एक कर देता है. ऐसा विधायक जो आम इंसान की तरह ही जिंदगी बसर करता है. महाराष्ट्र के अमरावती जिले के अचलपुर तहसील के विधायक ओमप्रकाश बाबूराव कडू उर्फ बच्चू कडू अपने दबमगई और इन्साफ के लिये जाने जाते है. 46 वर्ष के बच्चु कडू खुद को गरीबों का मसीहा समझते हैं और अपने समर्थको के बीच रॉबिनहुड के नाम से मशहूर हैं.

गौरतलब है कि कभी शिवसेना में बतौर कार्यकर्ता रहे बच्चू कडू पिछले 12 सालों से निर्दलीय विधायक हैं. 2004 में बच्चू कडू ने पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के दम पर अचलपुर विधानसभा विधायक सीट जीती थी. उसके बाद वे 2009 और 2014 में जीते.

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विधायक बनने के बाद उन्होंने प्रहार संगठन की स्थापन की. कहा जाता है कि बच्चू कडू का यह संगठन हमेशा गरीबों, किसानों और खासकर विकलांगों की समस्याओं को हल करता है. कई बार प्रहार संगठन के दम पर विकलांगों को बच्चू कडू ने इंसाफ दिलाया है. इतना ही नहीं वे विकलांगों को परेशान करने वाले अधिकारियों की धुनाई भी कर चुके हैं. अप्रैल 2017 में उन्होंने किसानों के लिए महाराष्ट्र से गुजरात तक मोटरसाइकल रैली निकाली थी, जिसका नाम रखा था CM टू PM, देवेंद्र से नरेंद्र. ये रैली नरेंद्र मोदी के गांव तक निकाली गई थी और गुजरात मे इस रैली को रोका भी गया था.

 

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