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महाराष्ट्र: भगत सिंह कोश्यारी ने राज्यपाल पद से हटने की इच्छा जताई, पीएम मोदी से कही ये बात

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है. उनकी तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने ये इच्छा जाहिर कर दी गई है. उन्होंने कहा है कि वे अब हर तरह की राजनीतिक जिम्मेदारी से मुक्ति चाहते हैं. वे अपनी आगे वाली जिंदगी सिर्फ पढ़ने, लिखने में निकालना चाहते हैं.

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:29 PM IST

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है. उनकी तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने ये इच्छा जाहिर कर दी गई है. उन्होंने कहा है कि वे अपनी आगे की जिंदगी पढ़ने, लिखने में लगाना चाहते हैं. वे हर तरह की राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्ति चाहते हैं. 

जारी बयान में भगत सिंह कोश्यारी ने कहा है कि ये बहुत सम्मान की बात थी कि मुझे महाराष्ट्र के राज्यपाल के तौर पर सेवा करने का मौका मिला. उस महाराष्ट्र का जो संतों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमि है. पिछले तीन सालों में मुझे महाराष्ट्र की जनता से जो प्यार मिला है, मैं वो कभी नहीं भूल सकता हूं. कोश्यारी ने इस बात की भी जानकारी दी कि वे अपनी इन इच्छाओं के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर चुके हैं. जब पीएम मोदी मुंबई दौरे पर आए थे, उनकी तरफ से साफ कहा गया था कि वे राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते हैं. 

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कोश्यारी की इस इच्छा पर उद्धव गुट की शिवसेना की तरफ से प्रतिक्रिया आ गई है. सांसद विनायक राउत ने कहा है कि कोश्यारी को पीएम के बजाय राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा भेजना चाहिए था. अच्छी बात है कि उन्हें खुद इस बात का अहसास हो गया है.

विवादों से पुराना नाता, कई बार लाए सियासी भूचाल

अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का यूं इस्तीफा देने की बात करना कई लोगों को हैरान कर गया है. महाराष्ट्र की वर्तमान राजनीति जिस तरह की चल रही है, भगत सिंह कोश्यारी का विवादों से नाता मजबूत होता गया है. इन विवादों की शुरुआत सवित्रि बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी में हुए एक कार्यक्रम से शुरू हो गई थी. उस कार्यक्रम में कोश्यारी ने महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के बाल विवाह को लेकर एक विवादित बयान दिया था. उसके बाद छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी गई थी. इसके अलावा गुजराती और मराठी समुदाय को लेकर भी उन्होंने अजीबोगरीब बात कह दी थी.

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इन्हीं सब बयानों की वजह से उद्धव ठाकरे और दूसरी विपक्षी पार्टियां तो लगातार राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा चाहती थीं. बीजेपी की तरफ से खुलकर इस पर कुछ नहीं कहा गया, लेकिन जमीन पर चुनौती बढ़ती जा रही थी. अब उस चुनौती के बीच ही खुद भगत सिंह कोश्यारी ने इस्तीफा देने की बात कर दी है. अब सरकार इस पर क्या रुख रखती है, शिंदे सरकार क्या प्रतिक्रिया देती है, इस पर नजर रहेगी. वैसे बयानों के अलावा भगत सिंह कोश्यारी के कुछ फैसलों ने भी सियासी भूचाल लाने का काम किया था.

कई फैसलों पर बवाल, बयान भी विवादित

फिर चाहे 2019 में देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिलवाना रहा हो या फिर हर बार महा विकास अघाड़ी की सरकार के साथ उनकी तकरार. कोरोना काल में जब मंदिरों को खोलने का मुद्दा गरमाया था तब राज्यपाल ने खुद उद्धव को चिट्ठी लिख एक नया विवाद खड़ा कर दिया था. कहा गया था कि क्या उद्धव सेकुलर बन गए हैं? उनकी उस प्रकार की बयानबाजी ने हर बार नए विवाद को जन्म दिया था. अब भगत सिंह कोश्यारी क्या सही में इस्तीफा देते हैं या नहीं, ये आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा.

 

 

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