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भीमा कोरेगांव हिंसा: कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुख्ता सबूत- पुणे पुलिस

भीमा-कोरेगांव हिंसा को लेकर हुई गिरफ्तारी पर पुणे के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सबूतों को इकट्ठा और उनका विश्लेषण करने के बाद ही मामले में कार्रवाई की गई है.

भीमा कोरेगांव हिंसा भीमा कोरेगांव हिंसा
पंकज खेळकर /देवांग दुबे गौतम
  • पुणे,
  • 31 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST

भीमा-कोरेगांव हिंसा को लेकर हाल ही में हुई गिरफ्तारी पर पुणे के पुलिस कमिश्नर डॉ. वेंकटेशम ने बयान दिया है. पुलिस कमिश्नर डॉ. वेंकटेशम का कहना है कि सबूतों को इकट्ठा और उनका विश्लेषण करने के बाद ही मामले में कार्रवाई की गई है. पत्रकारों से बातचीत करते हुए पुलिस कमिश्नर ने एम-4 अत्याधुनिक मशीनगन दिखाते हुए कहा कि माओवादी इस हथियार का इस्तेमाल वरिष्ठ नेताओं की हत्या के लिए नहीं करने वाले थे.  

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पुलिस कमिश्नर ने बताया ऐसे सबूत मिले हैं कि एम-4 हथियार का इस्तेमाल वरिष्ठ नेताओं की हत्या के लिए नहीं, बल्कि संगठन में इस्तेमाल के लिए किया जाने वाला था. डॉ वेंकटेशम ने कहा कि मई 2018 में जो तलाशियां हुईं थीं उसमें से मिले दस्तावेजों और सबूत साथ ही विस्तृत फॉरेंसिक विश्लेषण  के आधार पर एक निष्कर्ष निकाला गया और उसी के आधार पर कुछ जगह तलाशी हुई और गिरफ्तारियां की गईं.

उन्होंने कहा कि गौतम नवलक्खा के ट्रांजिट रिमांड के लिए जितने सबूत की आवश्यकता थी उतने दिए गए थे. हमारे पास इस मामले में बहुत सारे सबूत हैं.

जब कमिश्नर से सवाल किया गया कि दिल्ली और दूसरे राज्यों में मराठी भाषा नहीं समझ में आती है तो पुलिस मराठी में दस्तावेज क्यों लेकर गई थी, इस पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सारे सरकारी कामकाज के दस्तावेज मराठी में ही होते हैं और जिन्हें मराठी समझ नहीं आती उन्हें पढ़कर हिंदी में अनुवाद करके उन्हें समझाते हैं.  

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प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिश के बारे में जिस खत का जिक्र हुआ है उसके बारे में बात करते हुए पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सारे सबूत अदालत में सही समय पर पेश किये जाएंगे. पुलिस कमिश्नर ने कहा कि गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ता प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के नेताओं के संपर्क में थे और वे सरकार को गिराने की साजिश का हिस्सा थे.

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