
महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने पूर्व डीजी परमबीर सिंह का निलंबन वापस ले लिया है. सरकार ने महाविकास अघाड़ी सरकार द्वारा शुरू की गई विभागीय जांच में परमबीर सिंह के खिलाफ आरोप भी वापस ले लिए हैं.
बता दें कि परमबीर सिंह ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की जबरन वसूली करवाने का आरोप लगाया था. इस संबंध में उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में MVA सरकार को पत्र लिखा था. राज्य सरकार ने परमबीर सिंह को 'अनुशासनहीनता और अन्य अनियमितताओं' के आरोप में निलंबित कर दिया था. एमवीए सरकार ने उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की थी.
निलंबन अवधि को ड्यूटी के तौर पर माना जाएगा...
उद्धव सरकार के फैसले के खिलाफ परमबीर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है. इस बीच, अब शिंदे- फडणवीस सरकार ने परमबीर का निलंबन वापस लेने का निर्णय लिया है. शिंदे सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ सभी आरोपों को वापस ले लिया और दिसंबर 2021 में जारी निलंबन के आदेश को रद्द कर दिया. इतना ही नहीं, निलंबन अवधि को ड्यूटी पर माने जाने का आदेश दिया है.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि CAT (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) ने एक फैसला सुनाया, जिसके तहत परमबीर सिंह की विभागीय जांच को गलत बताया और उसे बंद करने का आदेश दिया. CAT ने निलंबन को गलत बताया और आदेश वापस लेने का अनुरोध किया. उसी के मुताबिक यह फैसला लिया गया.
परमबीर सिंह को क्यों निलंबित किया गया था?
परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था. 2021 में दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटक के साथ एक एसयूवी कार मिली थी, जिसके बाद सिंह को होमगार्ड में ट्रांसफर कर दिया गया था और इस मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया था. बाद में परमबीर सिंह ने राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया कि उन्होंने सचिन वाजे को हर महीने मुंबई में होटल और बार से 100 करोड़ रुपये वसूली करने के लिए कहा है.
हालांकि, इस आरोप को देशमुख ने खारिज कर दिया था. अनिल देशमुख ने दावा किया था कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई घर के बाहर सुरक्षा चूक के लिए परमबीर के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उससे बचने के लिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. 25 फरवरी, 2021 को उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से लदी गाड़ी खड़ी मिली थी.
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परमबीर सिंह पर जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के कई आरोप भी लगे थे. परमबीर सिंह और छह पुलिस अधिकारियों समेत अन्य के खिलाफ जुलाई 2021 में रंगदारी का केस दर्ज किया गया था. इन पर एक बिल्डर से पैसे ऐंठने का आरोप था.
मुश्किलों में घिरे रहे परमबीर?
पिछले कई दिनों से परमबीर सिंह चंडीगढ़ में रह रहे थे. उन्होंने बताया था कि मुंबई में उनकी जान को खतरा है, ऐसे में वे वहां नहीं आ सकते. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी और जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था. बाद में परमबीर सिंह जांच में शामिल होने के लिए मुंबई आ गए थे. आजतक से बातचीत में उन्होंने बताया था कि वे अभी के लिए ज्यादा कुछ शेयर नहीं कर सकते हैं. लेकिन उन्हें देश की न्यायपालिका में विश्वास है. उन्हें उम्मीद है कि उन्हें न्याय दिया जाएगा. कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी लेकिन उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जांच एजेंसियों का लगातार सहयोग करना होगा.
22 जुलाई 2021 को मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन ने परमबीर सिंह समेत पांच पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में केस दर्ज किया था. आरोप के मुताबिक परमबीर सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने एक-दूसरे की मिलीभगत से शिकायतकर्ता के होटल और बार के खिलाफ कार्रवाई का डर दिखाकर 11.92 लाख रुपये की उगाही की थी.
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