
महाराष्ट्र के वन मंत्री और भाजपा नेता गणेश नाइक आज ठाणे में जनता दरबार लगाएंगे. ये क्षेत्र उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है. इस घटनाक्रम को सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में जारी अंदरूनी हलचल से जोड़कर देखा जा रहा है.ठाणे शहर के कलेक्टर ऑफिस के पास गणेश नाइक के कार्यक्रम के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं. राजनीतिक हलकों में इसे भाजपा द्वारा शिवसेना के प्रभाव को सीधी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.
बीते कुछ हफ्तों से भाजपा और शिवसेना के बीच रिश्तों में तल्खी की चर्चा है, जो शुक्रवार को शिंदे के बयान 'मुझे हल्के में मत लेना' के बाद फिर से गरम हो गई. शिंदे ने यह भी कहा था कि जिन्होंने मुझे हल्के में लिया, वे सत्ता से बाहर हो गए. देवेंद्र फडणवीस सरकार में उपमुख्यमंत्री शिंदे से जब ये पूछा गया कि ये चेतावनी किसके लिए है तो उन्होंने कहा कि जिन्हें समझना है, उन्हें संकेत समझ लेना चाहिए.
गणेश नाइक और शिंदे की पुरानी अदावत
जब शिंदे (अविभाजित) शिवसेना के ठाणे जिले (जिसमें पड़ोसी पालघर भी शामिल था) के प्रमुख थे, तब गणेश नाइक (अविभाजित) एनसीपी के साथ थे और नवी मुंबई पर उनका दबदबा था. इसलिए दोनों दलों ने वाणिज्यिक राजधानी मुंबई के करीब और देश में सबसे अधिक शहरी केंद्रों वाले क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्धा की. बता दें कि नाइक ने 1990 के दशक में राज्य में 'जनता दरबार' की अवधारणा शुरू की थी, जिसके तहत लोगों को शिकायतों के समाधान के लिए प्रशासन से जोड़ा जाता था. 3 फरवरी को नाइक ने ठाणे जिले के नवी मुंबई टाउनशिप के वाशी में और 21 फरवरी को पालघर जिले में 'जनता दरबार' को संबोधित किया. इससे पहले, जब इस तरह के आयोजन के राजनीतिक निहितार्थों के बारे में पूछा गया, तो नाइक ने कहा था कि 'जनता दरबार' का एकमात्र उद्देश्य जनता की शिकायतों का समाधान करना है.
'जनता दरबार' पर शिवसेना का रुख
शिंदे के करीबी सहयोगी और शिवसेना के ठाणे लोकसभा सांसद नरेश म्हास्के ने इस कार्यक्रम को लेकर कहा कि जब एकनाथ शिंदे ठाणे आते हैं, तो हजारों लोग उनसे मिलने आते हैं और अपना काम करवाते हैं, मेरे जैसे सांसद आनंदमठ (शिंदे के गुरु आनंद दिघे का कार्यालय) में बैठते हैं और 400-500 लोग आते हैं और हम अधिकारियों को बुलाते हैं. उसे भी दरबार कहा जाता है. इसके लिए आपको महल बनाने की जरूरत नहीं है. ठाणे के पूर्व मेयर म्हास्के ने कहा कि जब लोग अपने मुद्दों को लेकर राजनीतिक नेताओं से मिलने आएंगे, तो हमें आपत्ति क्यों होनी चाहिए.
नाइक ने राजनीतिक मकसद से किया इनकार
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक गणेश नाइक के बेटे और पूर्व सांसद संजय नाइक ने इन अटकलों को खारिज किया कि उनके पिता का कार्यक्रम शिवसेना के प्रभाव को चुनौती देने के लिए आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसी अफवाहें विरोधी दल फैला रहे हैं, महायुति गठबंधन भाजपा, शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के साथ पूरी तरह मजबूत और एकजुट है. संजय नाइक ने ये भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार सभी मंत्रियों को राज्य के विभिन्न स्थानों पर 'जनता दरबार' आयोजित करने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य शासन को आम लोगों के करीब लाना है. इससे 5000 लोगों को मंत्रालय जाने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि मंत्री खुद स्थानीय स्तर पर आकर उनकी समस्याओं को हल करेंगे.