
मुंबई के जुहू में छह मंजिला इमारत को होटल में तब्दील किये जाने के मामले में फंसे एक्टर सोनू सूद को आज सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण के मामले में बीएमसी को किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोक दिया है. वहीं बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि सोनू सूद के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला राज्य सरकार के मुंह पर एक और बड़ा तमाचा है.
बीजेपी नेता राम कदम ने बताया कि कंगना रनौत प्रकरण के बाद शीर्ष अदालत का फैसला न केवल बीएमसी बल्कि राज्य सरकार के मुंह पर एक और बड़ा तमाचा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सोनू सूद के खिलाफ कार्रवाई की, क्योंकि उन्होंने शिवसेना सरकार की विफलता को उजागर किया. कोरोना संकट के दौरान राज्य सरकार का कर्तव्य था कि वह प्रवासियों और अन्य लोगों की देखभाल करे, लेकिन सरकार के इस कर्तव्य को सोनू सूद जैसे लोगों ने निभाया.
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान सोनू सूद ने लोगों की मदद की, जिसकी वजह से सरकार को शर्मिंदा होना पड़ा. यही वजह थी, कि सोनू सूद को सबक सिखाने के लिये, बीएमसी पर काबिज शिवसेना ने इस तरह का काम किया. जब उनसे सवाल पूछा गया कि बीएमसी ने ये कार्रवाई तो तकनीकी आधार पर की, तो बीजेपी नेता ने कहा कि ये पूरा मामला सोनू सूद को परेशान करने के लिये था. जब उनके होटल को कोविड सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया गया, तब बीएमसी को उसमें कोई कमी नजर नहीं आई, लेकिन काम खत्म होते ही हर जगह दोष दिखाई देने लगे.
सोनू सूद ने कहा कि न्याय की हुई जीत
वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक्टर सोनू सूद ने ट्वीट करते हुये कहा है, 'न्याय की जीत हुई है. वहीं उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि वे हमेशा कानून के दायरे में रहकर ही काम किया करते हैं. उन्होंने लिखा है, सुप्रीम कोर्ट ने मुझे सही फैसला लेने के लिए समय दिया है. मैंने जो भी काम किया वो लीगल तरीके से ही किया था, लेकिन उसे गलत तरीके से दिखाया गया. मुझे हमेशा से न्यायपालिका में पूरा विश्वास था और मैंने हमेशा कानून का पालन किया है. मैं हमेशा अपने बिजनेस को कानून के दायरे में ही चलाता हूं. हर तरह की परमीशन भी लेकर रखता हूं.'