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छोटा राजन की पत्नी की याचिका 18 साल से लंबित, बॉम्बे HC ने उठाए सवाल

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 18 साल से लंबित छोटा राजन की पत्नी की याचिका सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने कहा कि ये याचिका लगभग दो दशक पहले दायर की गई थी. लेकिन अब तक इसकी कोई सुनवाई नहीं हुई है. इस पर अतिरिक्त लोक अभियोजक प्राजक्ता शिंदे ने कहा कि याचिका गुम हो गई थी और इसलिए 2014 में याचिका को पुनर्निर्मित किया गया था.

बॉम्बे हाईकोर्ट. (फाइल फोटो) बॉम्बे हाईकोर्ट. (फाइल फोटो)
विद्या
  • मुंबई,
  • 11 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:36 PM IST

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को 2005 में मुंबई पुलिस द्वारा अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की पत्नी सुजाता निकलजे द्वारा दायर याचिका के लंबित रहने पर सवाल उठाए हैं. अब इस मामले की सुनवाई अगले साल 13 जनवरी को होगी.

इस मामले में जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि ये याचिका लगभग दो दशक पहले दायर की गई थी. लेकिन अब तक इसकी कोई सुनवाई नहीं हुई है. जस्टिस चव्हाण ने कहा कि ये याचिका साल 2006 में दायर की गई थी. इस याचिका को 18 साल हो चुके हैं.

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'गुम हो गई थी याचिका'

अतिरिक्त लोक अभियोजक प्राजक्ता शिंदे ने कहा कि याचिका गुम हो गई थी और इसलिए 2014 में याचिका को पुनर्निर्मित किया गया था, लेकिन तब से लेकर अब तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है. 

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील निखिल मनशिंदे ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता अभी-भी अपनी याचिका पर आगे बढ़ने की इच्छुक हैं.  इसके बाद पीठ ने इस मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने का निर्देश दिया और मामले सुनवाई को 13 जनवरी, 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया.

2005 में क्राइम ब्रांच ने किया था गिरफ्तार

याचिका के अनुसार, सुजाता निकलजे को 14 दिसंबर 2005 को मुंबई के पूर्वी उपनगर से क्राइम ब्रांच के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था और साउथ मुंबई के क्रॉफर्ड मार्केट स्थित क्राइम ब्रांच ऑफिस ले जाया गया था.

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अधिकारियों ने कथित तौर पर उन्हें बताया कि उन्हें तत्कालीन संयुक्त पुलिस आयुक्त के सामने बयान देने के लिए ले जाया जा रहा है. हालांकि, निकलजे का दावा है कि गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद पुलिस ने बिना कोई कारण बताए उनका बयान दर्ज करना शुरू कर दिया.

उन्होंने अपने याचिका में दावा किया कि पुलिस अधिकारियों के पास उनकी गिरफ्तारी का कोई भी डॉक्यूमेंट तैयार नहीं था. और गिरफ्तारी के दो दिन बाद 16 दिसंबर को विशेष महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) अदालत में पेश किया गया था.

उनका दावा है कि उनकी बहन को भी कथित रूप से उनके साथ गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने उनकी बहन की गिरफ्तारी के आधार के बारे में जानकारी नहीं दी.  जबकि पुलिस को किसी को भी गिरफ्तार करते वक्त कानूनी प्रक्रिया का पालन करना जरूरी होता है.

'जबरन वसूली के मामले में हुई थी गिरफ्तारी'

वहीं, क्राइम ब्रांच का दावा है कि निकलजे को जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि उसे  छोटा राजन और उसके साथियों से जान का खतरा था. जो तिलक नगर इलाके में बिल्डरों से भारी रकम वसूल रहा था.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि निकलजे इस क्राइम सिंडिकेट का हिस्सा थीं और उन्होंने शिकायतकर्ता से जबरन वसूली के रूप में 5 लाख से 10 लाख रुपये मिले थे. इसी मामले में क्राइम ब्रांच ने उन्हें (निकलजे) को गिरफ्तार किया था.

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