Advertisement

'व्यस्क बेटी अपनी इच्छानुसार जाने को स्वतंत्र', बॉम्बे HC का हस्तक्षेप से इनकार

बॉम्बे हाई कोर्ट ने माता-पिता की अर्जी पर कहा कि व्यस्क बेटी अपनी मर्जी से कहीं भी जाने को स्वतंत्र है. पिता ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उसकी बेटी को वापस उनके पास भेजा जाए और आरोपी लड़के के खिलाफ केस दर्ज किया जाए, लेकिन हाई कोर्ट ने ऐसा नहीं किया.

बॉम्बे हाई कोर्ट बॉम्बे हाई कोर्ट
विद्या
  • मुंबई,
  • 10 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 12:11 AM IST
  • युवा दंपति ने दिसंबर 2020 में किया अंतरधार्मिक विवाह
  • पिता ने बेटी को वापस ले जाने की कोर्ट से लगाई थी गुहार
  • बॉम्बे HC का किसी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार

बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्थानीय पुलिस को ठाणे जिले के कल्याण क्षेत्र में एक दंपति को उनके घर तक सुरक्षित छोड़ने का आदेश दिया है. दंपति ने दिसंबर 2020 में अंतरधार्मिक विवाह किया था और पिता ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि उनकी बेटी को वापस लाने का आदेश दिया जाए.

युवती ने पहले बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एसके शिंदे और जस्टिस मनीष पिटले की डिविजन बेंच को बताया था कि वह अपने पति के साथ रहना चाहती है. इस पर सुनवाई करते हुए डिविजन बेंच ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि समाज में समरूपता लाने के लिए अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.' जस्टिस शिंदे ने आगे कहा कि देश में 3,000 संप्रदाय और धर्म हैं. हर 25 किलोमीटर पर अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं. इस देश में 130 करोड़ लोग एक साथ रहते हैं.'

Advertisement

क्या है मामला

19 साल की युवती के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उनकी बेटी को मृत या जिंदा सौंपने की मांग की गई थी. हैबिएस कॉर्पस के तहत, पिता ने कहा था कि कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण उनकी बेटी आमतौर पर घर पर रही थी और उसकी सहमति से 6 दिसंबर 2020 को उसकी सगाई हो गई थी. बेटी सगाई से खुश लग रही थी और वह अपने कपड़ों और जेवरात की खरीदारी में भी शामिल हुई थी.

लेकिन 30 दिसंबर को सुबह 9:30 बजे युवती ने अपनी मां को यह सूचित करने के बाद अपने माता-पिता का घर छोड़ दिया कि वह दर्जी के यहां जा रही है. हालांकि लंबे समय तक वह वापस नहीं लौटी तो परिवार के सदस्यों ने उसे तलाशना शुरू कर दिया, लेकिन वह नहीं मिली. परिवार खड़कपाड़ा पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराने गया. हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने लापता शिकायत दर्ज नहीं की और परिवार को 24 घंटे इंतजार करने के लिए कहा.

Advertisement

बाद में उसी दिन शाम को, खड़कपाड़ा पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मियों ने परिवार को सूचित किया कि बेटी ने पहले से ही पास में रहने वाले लड़के के साथ अंतरधार्मिक विवाह कर लिया है. लड़की तब से अपने पति के परिवार के साथ रह रही है. इसके बाद पिता ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि उसकी बेटी को उस लड़के के पास से वापस लाया जाए और उस लड़के के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए.

अदालत का आदेश

बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में किसी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और कहा, 'हम यह स्पष्ट करते हैं कि बेटी अपनी इच्छानुसार आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र है.'

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement