
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले शुरू की गई महाराष्ट्र सरकार की 'लड़की बहन योजना' और 'लड़का भाऊ योजना' को चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने कहा कि ये कल्याणकारी योजनाएं उन लोगों के लिए जरूरी हैं जो किसी कारण से वंचित हैं और संविधान के अनुच्छेद-15 के तहत राज्य को उनके लिए लाभकारी योजनाएं बनाने की इजाजत है.
CA ने दायर की थी याचिका
दरअसल, नवी मुंबई के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीद अब्दुल सईद मुल्ला द्वारा ये दायर याचिका दायर की गई थी. इसमें दावा किया गया था कि ये योजनाएं राज्य को आर्थिक रूप से कमजोर कर देंगी. याचिका कर्ता के वकील ओवैस पेचकर ने कहा कि हर बच्चे को बुनियादी शिक्षा नहीं दी जा रही है लेकिन यह मुफ्त सुविधा प्रदान की जा रही है. यह टैक्स देने वालों के साथ गलत हो रहा है. इसपर चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की बेंच ने कहा, 'आप अलग तरह से देखते हैं, सरकार अलग तरह से देखती है और राज्यपाल का इसपर अलग मत हो सकता है. इसे नीतिगत मतभेद कहा जाता है. हम तब तक हस्तक्षेप नहीं कर सकते जब तक कि किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन न हो.' पीठ ने जनहित याचिका खारिज कर दी.
याचिका में की गई थी ये मांग
जनहित याचिका में दावा किया गया था कि यह योजना राजनीति से प्रेरित है. यह सरकार द्वारा 'मतदाताओं को रिश्वत' देने के लिए शुरू की गई है. इसपर कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को मुफ्त और सामाजिक कल्याण योजना के बीच अंतर करना होगा. पेचकर ने दावा किया कि यह योजना महिलाओं के बीच भेदभाव करती है क्योंकि केवल वे लोग जो प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये से कम कमाते हैं वे योजना के तहत लाभ के लिए पात्र थे.
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इसपर बेंच ने कहा, 'यह कुछ महिलाओं के लिए एक लाभार्थी योजना है. यह कैसे भेदभाव है? कुछ महिलाएं 10 लाख रुपये कमाती हैं और कुछ 2.5 लाख रुपये कमाती हैं. क्या वे एक ही समूह में आते हैं? ये कोई भेदभाव नहीं है.' कोर्ट ने कहा कि बजट बनाना एक विधायी प्रक्रिया है. क्या अदालत इसमें हस्तक्षेप कर सकती है?
क्या है लड़की बहन योजना
महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में 'मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना' शुरू की थी. इस पहल के तहत, 21 से 65 वर्ष की आयु की महिलाओं को जुलाई से 1500 रुपये प्रति माह मिलेंगे, बशर्ते उनकी वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से कम हो.वहीं, लड़का भाऊ योजना के तहत सरकारी प्रतिष्ठानों और निजी क्षेत्र के उद्योगों में इंटर्नशिप के दौरान वजीफा का प्रावधान है. सरकार के मुताबिक, इस योजना का उद्देश्य युवाओं की रोजगार क्षमता और कौशल को बढ़ाना है.