
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई इन्फ्रा लिमिटेड (एईएमआईएल) को 1000 मेगावाट एचवीडीसी ट्रांसमिशन परियोजना के लिए 209 मैंग्रोव्स पेड़ों को काटने की इजाजत दे दी है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस भारती डांगरे की बेंच ने यह फैसला काफी विचार-विमर्श के बाद लिया.
बेंच ने माना कि प्रस्तावित परियोजना से मुंबई और उसके उपनगरों के बिजली उपभोक्ताओं को फायदा होगा. इसलिए, परियोजना के महत्व को देखते हुए समूह को पेड़ों की कटाई की इजाजत दी गई है. इस परियोजना के तहत 320 किलोवोल्ट वोल्टेज सोर्स कन्वर्टर (वीएससी) आधारित एचवीडीसी ट्रांसमिशन लिंक का निर्माण किया जाएगा, जो महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (एमएसईटीसीएल) के कुडुस ईएचवी सबस्टेशन को अडानी इलेक्ट्रिसिटी के आरे ईएचवी सबस्टेशन से जोड़ेगी.
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इको-सेंसिटिव जोन से भी गुजरेगी परियोजना
परियोजना की कुल लंबाई 80 किलोमीटर होगी, जिसमें 30 किलोमीटर ओवरहेड ट्रांसमिशन और 50 किलोमीटर अंडरग्राउंड केबलिंग शामिल होगी. इस दौरान कुछ हिस्से मैंग्रोव जंगलों और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (एसजीएनपी) और तुंगरेश्वर वन्यजीव सेंचुरी (टीडब्ल्यूएलएस) जैसे इको-सेंसिटिव जोन से भी गुजरेगी.
परियोजना के लिए जरूरी थी मंजूरी
इस परियोजना को लेकर बड़ी जांच पड़ताल भी की गई और इसे इसे महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (एमसीजेडएमए) और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) सहित कई संस्थाओं की मंजूरी की जरूरत थी. एईएमआईएल ने इस प्रक्रिया के दौरान 1:5 रेशियो के हिसाब से समूह ने वन लगाने की भी अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है. बताया जा रहा है कि समूह ने दोबारा से पेड़ों की रोपाई के लिए 6.77 लाख रूपये पहले ही जमा कर दिए हैं.
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यह बताते हुए कि मैंग्रोव्स की कटाई इकोसिस्टम को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है, बॉम्बे एनवायरनमेंटल एक्शन ग्रुप ने इस परियोजना का विरोध किया है.