
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के मुख्य सचेतक भरतशेत गोगावले द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर और उद्धव ठाकरे के गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी किया है. याचिका में नार्वेकर के ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य न ठहराने के फैसले को चुनौती दी गई है.
न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पूनीवाला की पीठ ने सभी को 8 फरवरी को होने वाली सुनवाई के पहले नोटिस का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
12 जनवरी को दायर गोगावले की याचिकाओं में स्पीकर के आदेश को कानूनी रूप से त्रुटिपूर्ण घोषित करने, इसे रद्द करने और सभी 14 उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है. स्पीकर के आदेश को चुनौती देते हुए ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
अपनी याचिका में गोगावले का तर्क है कि ठाकरे गुट के सदस्यों ने व्हिप का उल्लंघन किया और स्वेच्छा से शिवसेना की सदस्यता छोड़ दी. गोगावले के मुताबिक, स्पीकर के आदेश ने गलती से इन दावों को महज आरोप कहकर खारिज कर दिया. याचिका में कहा गया है, "माननीय अध्यक्ष गोगावले द्वारा दायर जवाब को पढ़ने में भी विफल रहे, जिसमें प्रतिवादी ने याचिकाकर्ता के आरोपों को स्वीकार किया है. जब स्पीकर के फैसले से साबित हो गया कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना है तो ठाकरे गुट के विधायकों को अपात्र किया जाए."
उद्धव ठाकरे गुट के विधायक निशाने पर
याचिका में उदयसिंह राजपूत, भास्कर जाधव, राहुल पाटिल, रमेश कोरगांवकर, राजन साल्वी, प्रकाश पजटेरफेकर, कैलाश पाटिल, सुनील राउत, विनायक चौधरी, नितिन देशमुख, सुनील प्रभु, वैभव नाइक, संजय पोटनिस और रवींद्र वायकर को निशाना बनाया गया है. शिंदे गुट के सदस्य का तर्क है कि स्पीकर का आदेश अवैध, अमान्य और असंवैधानिक है, जिसके कारण उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.