
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के नेता सदानंद सरवणकर की चुनाव याचिका पर सुनवाई की. इसके बाद कोर्ट ने यूबीटी विधायक महेश सावंत को समन जारी किया. कोर्ट ने 28 फरवरी को पेश होने के लिए कहा है, जब बेंच इस मामले पर आगे की सुनवाई करेगी.
शिंदे गुट के नेता सदानंद सरवणकर मुंबई के माहिम विधानसभा सीट से राज्य चुनावों में नए प्रत्याशी महेश सावंत से हार गए थे. सावंत ने माहिम सीट पर 50,213 वोट पाकर जीत हासिल की थी, जबकि सरवणकर 48,897 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे.
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आपराधिक मामलों की घोषणा नहीं करने का आरोप!
नवंबर 2024 के चुनाव के तुरंत बाद, सरवणकर ने चुनाव याचिका दायर की जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि सावंत ने अपने मतदाताओं के साथ धोखा किया था. उन्होंने अपने खिलाफ चल रहे सभी आपराधिक मामलों की घोषणा नहीं की थी. सरवणकर का कहना है कि इससे सावंत को अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए और 2024 माहिम विधानसभा चुनाव के परिणामों के निरस्त किया जाना चाहिए.
माहिम सीट पर दिलचस्प रहा था मुकाबला
माहिम सीट चुनाव के दौरान एक गर्म मुद्दा रही थी. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के अध्यक्ष राज ठाकरे के बेटे अमित ने भी यहां से चुनाव लड़ा और 33,062 वोट हासिल की लेकिन हार का सामना करना पड़ा. इस सीट पर महायूति सहयोगियों के बीच एक आंतरिक कलह भी देखा गया था, जब बीजेपी नेताओं ने खुलेआम तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अनुरोध किया कि वे सरवणकर को पीछे हटने का निर्देश दें ताकि अमित ठाकरे बिना किसी बाधा के जीत सकें.
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हालांकि, सरवणकर ने पीछे हटने से इनकार कर दिया था और आखिर वक्त तक शिंदे को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करते रहे कि ठाकरे की जीत की संभावना नहीं है और वे खुद यह सीट जीतेंगे. सरवणकर ने नामांकन की वापसी के आखिरी दिन ठाकरे के निवास पर जाकर अमित से पीछे हटने का अनुरोध भी किया, लेकिन ठाकरे परिवार ने उनसे मुलाकात नहीं की.