
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले 6 लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसमें से एक युवक महाराष्ट्र के लातूर का है. इसका नाम अमोल शिंदे है. इस मामले में बेटे का नाम आने के बाद उसके मां-बाप सामने आए हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि एक बार बेटे से बात करवा दो.
अमोल के पिता धनराज शिंदे ने कहा है कि इस घटना के बाद पिछले चार दिनों से हम लोग घर में ही हैं. गांव का कोई भी किसान हमें अब काम नहीं दे रहा है. उनका कहना है, अगर काम पर बुलाया तो पुलिस हमारी भी जांच करेगी. काम न मिलने की वजह से चायपत्ती भी खरीदने के पैसे नहीं हैं. कोई भी उधार पैसे देने के लिए तैयार नहीं है.
'देश की सेवा करना चाहता था बेटा'
बेटे की याद में धनराज ने इन दिनों उसकी टी शर्ट पहन रखी है, जिस पर भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु की तस्वीर है. अमोल की मां का कहना है कि बेटा इन तीन क्रांतिकारियों को फॉलो करता था. भगतसिंह की किताबें पढ़ने का उसको बहोत शौक था. इसलिए वो भी क्रांतिकारियों के जैसे सैन्य और पुलिस में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहता था.
विजिटर गैलरी से कूदे थे सागर और मनोरंजन
बताते चलें कि संसद में शून्यकाल (Question Hour) के दौरान विजिटर गैलरी से सागर शर्मा और मनोरंजन कूद गए थे. इनके पास स्मोक केन थे. जिनसे पीला धुआं निकल रहा था. इन लोगों ने संसद में नारे लगाए, इतने में ही वहां मौजूद सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया था.
अमोल और नीलम ने की थी नारेबाजी
जिस वक्त संसद में यह दो लोग नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे थे, लगभग उसी समय अमोल शिंदे और नीलम देवी ने संसद परिसर के बाहर 'तानाशाही नहीं चलेगी' चिल्लाते हुए स्मोक केन से रंगीन धुआं छोड़ा था. इसके अलावा पांचवें आरोपी ललित झा ने कथित तौर पर परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किए थे.
नीलम के परिजनों ने दाखिल की अर्जी
नीलम के परिजनों ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है. इसमें नीलम में मिलने की मांग की गई है. साथ ही एफआईआर की कॉपी भी मांगी है. अर्जी पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. 18 दिसंबर को इस मामले में सुनवाई होगी.
25 नवंबर को पीजी से चली गई थी नीलम
खुद को एक्टिविस्ट बताने वाली नीलम हरियाणा के जींद के घसो कला की रहने वाली है. वो अलग-अलग विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रही है. कुछ समय पहले तक वो हिसार के रेड स्क्वायर मार्केट के पीछे पीजी में रहकर सिविल सर्विस तैयारी कर रही थी.
25 नवंबर को घर जाने की बात कहकर वो पीजी से चली गई थी. उसके साथ पीजी में रहने वाली लड़कियों का भी कहना था कि उसकी रुचि राजनीति में बहुत ज्यादा रहती है. नीलम के भाई ने बताया था कि वो गांववालों के साथ किसान आंदोलन में जाती थी.