
भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को गिरफ्तार कर लिया है. एक दिन पहले ही देशमुख को जेजे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया था. वे शनिवार से अस्पताल में भर्ती थे. इसके बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है.
इससे पहले सीबीआई ने देशमुख के पीए कुंदन शिंदे, पीएस संजीव पलांडे और निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को हिरासत में लिया था.
बता दें कि इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. जज ने याचिका दूसरी पीठ के सामने रखने के निर्देश दिए. देशमुख ने विशेष सीबीआई अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कथित भ्रष्टाचार के मामले में उनकी हिरासत की मांग वाले सीबीआई के आवेदन को अनुमति दी गई थी.
देशमुख ने मुंबई सीबीआई अदालत और विशेष अदालत के मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पारित 2 आदेशों को चुनौती दी थी, जिसमें अदालतों ने सीबीआई को उनकी हिरासत देने का आदेश दिया था.
देशमुख भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक सीबीआई ने उनके और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. सीबीआई की जांच जारी थी कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई ने करीब एक साल तक चली जांच के बाद देशमुख और अन्य आरोपियों को हिरासत में लेने का फैसला किया. इसके लिए एजेंसी ने न्यायाधीश डीपी शिंगाडे की विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया था.
बड़े व्यापारियों से वसूली का भी आरोप
बता दें कि अनिल देशमुख पर कई दूसरे पुलिस अधिकारियों की मदद से बड़े व्यापारियों से पैसों की वसूली करवाने का भी आरोप है. अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह और बर्खास्त किए गए पुलिस अफसर सचिन वाजे ने गंभीर आरोप लगाए थे. कहा गया था कि देशमुख ने वाजे को मुंबई के बारों/पब से 100 करोड़ रुपये की उगाही करने को कहा था.