
सेंट्रल रेलवे ने करीब तीन साल में 1500 से ज्यादा शवों को अपनों तक पहुंचाया है. मार्च 2020 से जून 2023 के बीच मध्य रेलवे ने 1540 शवों को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया. रेलवे की ओर से कहा गया कि उसने सामाजिक जिम्मेदारी के तहत अपने चार डिवीजनों से ये काम किया है.
सेंट्रल रेलवे की ओर से जारी हुई प्रेस रिलीज में बताया गया है कि मुंबई डिवीजन ने इस वित्तीय वर्ष के दौरान 131 शवों को पहुंचाया, जबकि 2022-23 के दौरान सबसे अधिक 731 शवों का परिवहन किया गया, इसके बाद 2021-22 में 432 और 2020-21 में 193 शवों का ट्रांसपोर्टेशन किया गया.
सेंट्रल रेलवे ने सोमवार को कहा कि उसने 'महान सामाजिक जिम्मेदारी' के तहत अपने चार डिवीजनों से इस साल मार्च 2020 और जून के बीच 1,540 शवों को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया है.
एक हजार से 1500 रुपये तक चार्ज
इसमें बताया गया है कि रेलवे शवों को मुंबई से देश के उत्तर या दक्षिण तक लंबी दूरी तक ले जाने के लिए लगभग 1000 से 1500 रुपये तक चार्ज लेता है. जब शवों के परिवहन के कारण चार टन का पार्सल डिब्बा नहीं भरता है, तो सेंट्रल रेलवे को 30 हजार रुपये तक का नुकसान होता है.
रेलवे ने बताया नेक काम
रेलवे ने कहा कि हालांकि इस कमाई से भी अधिक एक शव को ले जाने का एक बड़ा नेक काम पूरा किया जाता है. यह रेलवे की एक नेक सामाजिक जिम्मेदारी है. हर मेल या एक्सप्रेस ट्रेन से जुड़े एसएलआर डिब्बों में शवों को ले जाया जाता है. सीआर ने कहा कि चूंकि सड़क मार्ग से शवों को लेकर जाने में अधिक समय लगता है, इसलिए ज्यादातर लोग रेलवे को प्राथमिकता देते हैं.