Advertisement

नासिक में दो गुटों के बीच बवाल, बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ रैली के बाद पथराव

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार गिरने के बाद से वहां के हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में बांग्लादेश के साथ-साथ भारत में भी इसका विरोध हो रहा है. इसको लेकर नासिक में सकल हिंदू मोर्चा ने शुक्रवार को नासिक बंद का आह्वान किया गया था.

नासिक में दो गुटों के बीच बवाल. नासिक में दो गुटों के बीच बवाल.
aajtak.in
  • ,
  • 16 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:24 PM IST

महाराष्ट्र के नासिक में सकल हिंदू मोर्चा ने शुक्रवार को नासिक बंद का आह्वान किया. यह घोषणा बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले के विरोध में थी. लेकिन भद्रकाली इलाके के कुछ दुकानदारों द्वारा इस अपील का पालन न करने के कारण इस इलाके में दो गुटों के बीच विवाद हो गया. इस दौरान एक गुट ने दूसरे गुटों पर पथराव किया और वाहनों में तोड़फोड़ की.

Advertisement

दरअसल, बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार गिरने के बाद से वहां के हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में बांग्लादेश के साथ-साथ भारत में भी इसका विरोध हो रहा है. इसको लेकर नासिक में सकल हिंदू मोर्चा ने शुक्रवार को नासिक बंद का आह्वान किया था. 

नासिक में दो समुदायों के बीच हिंसा आक्रामक रही. घटना में कई पुलिसकर्मी और लोग घायल हुए हैं, जबकि नासिक के भद्रकाली इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इस मामले में कुल 18 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. नासिक पुलिस ने कहा कि वे एफआईआर दर्ज करने और उपद्रवियों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया में हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के कारण नासिक में पूर्ण बंद का आह्वान किया गया था. बंद का आह्वान 'सकल हिंदू समाज' समूह ने किया था.

Advertisement

पुलिस ने 'सकल हिंदू समाज' समूह को विरोध रैली के लिए सीमित अनुमति दी थी. हालांकि, वे शहर के एक संवेदनशील क्षेत्र में गए थे. 'सकल हिंदू समाज' समूह ने नासिक में एक रैली निकाली. हालांकि, पुराने नासिक इलाके दूधबाजार और भद्रकाली इलाके में दो समूह आमने-सामने आ गए, जिसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई. 'सकल हिंदू समाज' समूह ने विरोध प्रदर्शन में सभी से अपनी दुकानें बंद करने को कहा. समूह ने कई नारे भी लगाए. स्थिति बिगड़ने पर पुलिस को भी बल प्रयोग करना पड़ा और लाठीचार्ज करना पड़ा. फिलहाल स्थिति सामान्य है.

मामले में डीसीपी ने कही ये बात

डीसीपी करण चौहान ने बताया कि नासिक में आज दो समूहों के आमने-सामने आने से कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई थी. लेकिन पुलिस ने समय रहते मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित कर लिया. सकल हिंदू समाज ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में आज बंद का आह्वान किया था. इस दौरान एक बड़ी रैली भी निकाली गई.

लेकिन जब वह रैली शहर के पुराने इलाके में पहुंची तो उनका दूसरे समुदाय के लोगों से विवाद हो गया. इससे इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई. दो समूहों के आमने-सामने आने पर पथराव भी हुआ. लेकिन इसमें जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ. पुलिस ने पूरे शहर में भारी सुरक्षा तैनात कर दी है.

Advertisement

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ बेले- मोहन भागवत 

बांग्लादेशी हिंदुओं के पक्ष में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के चीफ मोहन भागवत और योग गुरु बाबा रामदेव ने भी आवाज उठाई है. आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा,'वहां (बांग्लादेश में) रहने वाले हिंदुओं को बिना किसी कारण के हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है. ये सुनिश्चित करना हमारे देश की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करे कि उन्हें किसी भी अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े.' यह बातें संघ प्रमुख ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नागपुर के महल इलाके में कहीं.

हसीना के हटने पर बढ़े हमले

बता दें कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर लक्षित हमले हो रहे हैं. बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस ने आरोप लगाया है कि हसीना के सत्ता से हटने के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय को 48 जिलों में 278 स्थानों पर हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा है.

48 जिलों की 278 जगहों पर हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमले

वहीं, बांग्लादेश के नेशनल हिंदू ग्रांड अलायंस का दावा है कि शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद से 48 जिलों की 278 जगहों पर हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमले की खबरें आई हैं. अलायंस ने इसे 'हिंदू धर्म पर हमला' बताया है.कई लोगों का तर्क है कि जिन पर हमले हो रहे हैं या जिन्हें मारा जा रहा है, वो या तो शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग से जुड़े हैं या फिर पुलिस से कनेक्शन हैं. हालांकि, मारे गए हर पांच में से तीन हिंदू को राजनीति या पुलिस से कोई लेना-देना नहीं था.

रिपोर्ट- प्रवीण ठाकरे

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement