
महाराष्ट्र में 'लेटर बम' के बाद आए सियासी भूचाल के बीच राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार की आज बुधवार को पहली कैबिनेट बैठक हुई जिसमें मुख्यमंत्री के अलावा विवादित गृह मंत्री अनिल देशमुख समेत अन्य मंत्री भी शामिल हुए. कैबिनेट बैठक के बाद सभी अधिकारियों को बाहर कर मंत्रियों की अलग से बैठक भी हुई.
पिछले कुछ दिनों से विवादों में घिरी महाराष्ट्र सरकार की आज कैबिनेट बैठक बुलाई गई. यह राज्य में 'लेटर बम' के बाद पहली कैबिनेट बैठक है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई में राज्य के सभी कैबिनेट मंत्री और अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए. इस बैठक में गृह मंत्री अनिल देशमुख भी शामिल हुए जो पिछले कई दिनों से विवादों के घेरे में हैं.
यह बैठक करीब 45 मिनट चली. मीटिंग रूम में कैबिनेट मंत्रियों के अलावा अधिकारी भी शामिल हुए. मुख्यमंत्री ठाकरे वर्चुअल तरीके से बैठक में शामिल हुए. कैबिनेट बैठक के बाद सभी अधिकारियों को मीटिंग रूम से बाहर चले जाने को कहा गया. 45 मिनट तक चली बैठक के बाद भी मंत्री वहां मौजूद रहे. 'लेटर बम' के बाद पहली ऐसी बैठक है, जिसमें सभी तीनों सहयोगी दलों के सभी कैबिनेट मंत्री मौजूद रहे.
रश्मि शुक्ला ने मांगी थी माफीः मंत्री जितेंद्र
महाराष्ट्र कैबिनेट बैठक के बाद राज्य मंत्री और एनसीपी नेता जितेंद्र अवध ने बताया कि कैबिनेट बैठक के बाद महा विकास अघाड़ी सरकार के मंत्रियों ने रश्मि शुक्ला मुद्दे पर चर्चा की. आरोप है कि रश्मि शुक्ला ने बिना अनुमति के फोन टेप किए थे. जितेंद्र ने कहा कि मुख्य सचिव सीताराम कुंटे (जो पहले एसीएस होम थे) ने हमें सूचित किया है कि रश्मि शुक्ला को कॉल करने की अनुमति नहीं थी.
उन्होंने कहा कि उन्होंने (रश्मि शुक्ला) ने इस हरकत के लिए पहले भी मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से माफी मांगी थी और रोई भी थीं. हमने उन्हें मानवीय आधार पर माफ कर दिया. अब वह उसी डेटा का उपयोग सरकार को बदनाम करने के लिए किया है. यह एक साजिश है. रिपोर्ट में उनके द्वारा नामांकित सभी ट्रांसफर भी स्थानांतरित नहीं किए गए हैं.
जितेंद्र अवध ने कहा कि उन्होंने बस एक कॉल टेप करने की अनुमति ली थी, लेकिन दूसरी टेप कर डाली. हमें संदेह है कि उन्होंने मंत्रियों के कॉल भी टेप किए हैं. मैंने खुद कई बार ट्वीट किया था कि मेरे फोन को टेप किया जा रहा है. बैठक के बाद चर्चा के दौरान कई लोगों ने कहा कि कार्रवाई की जानी चाहिए.
राज्यपाल से मिलेंगे MVA के नेता
राजनीतिक विवादों के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रतिनिधिमंडल के बुधवार को राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद अब कल गुरुवार को महा विकास अघाडी के नेता राज्यपाल से मुलाकात करेंगे.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने बताया कि गुरुवार को महाविकास अघाडी (MVA) सरकार के नेता सीएम उद्धव ठाकरे की अगुवाई में राज्यपाल से मिलेंगे. सरकार का पक्ष राज्यपाल के सामने रखेंगे. आज बीजेपी डेलिगेशन ने राज्यपाल से मुलाकात की थी.
कल मिले थे ठाकरे और देशमुख
इससे एक दिन पहले कल मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री अनिल देशमुख के बीच मुलाकात हुई थी. और ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच वरिष्ठ पुलिस अफसर रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट को लेकर चर्चा की गई.
इंटेलिजेंस विभाग में कमिश्नर रश्मि द्वारा ये चिट्ठी पिछले साल 25 अगस्त को लिखी गई जिसमें कहा गया कि महाराष्ट्र के पुलिस विभाग में अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर को लेकर एक पर्दाफाश हुआ है, जिसमें राजनीतिक कनेक्शन वाले कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस उस चिट्ठी का जिक्र कर रहे हैं जिसे रश्मि शुक्ला द्वारा लिखा गया. इसी चिट्ठी में रश्मि ने पुलिस के कुछ बड़े अफसरों और अन्य अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के रैकेट में शामिल होने का दावा किया, सबूत के तौर पर कुछ फोन रिकॉर्डिंग होने की बात भी कही.
पूर्म कमिश्नर की याचिका SC में खारिज
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका को खारिज कर दिया और बॉम्बे हाईकोर्ट जाने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है, इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट क्यों करे, हाईकोर्ट क्यों नही? मुकुल आप ये बताए कि 226 के तहत इस मामले की सुनवाई क्यों नहीं हो सकती? आप केवल उदाहरण दे रहे हैं अनुच्छेद 32 का.
परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अनिल वाजे को 100 करोड़ वसूलने का टार्गेट दिया था. हस्तक्षेपकर्ता पाटिल के वकील ने कहा कि इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में होनी चाहिए. इस पर परमबीर सिंह के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि 32 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों को हमने कोर्ट के समक्ष रखा है.