
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद एनसीपी नेता नवाब मलिक और डी-कंपनी के बीच संबंध होने पर कोर्ट की टिप्पणी के बाद बीजेपी ने एक बार फिर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है. बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा, 'हम पहले दिन से कह रहे हैं कि नवाब मलिक दाऊद का एजेंट है. अब तो कोर्ट ने भी कह दिया और उद्धव ठाकरे को भी इसके बारे में पता है फिर भी वह नवाब मलिक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
सोमैया ने पूछा कि क्या उद्धव ठाकरे दाऊद के साथ हैं और उसके दोस्त हैं? बीजेपी नेता ने आगे कहा कि अब जब दाऊद का एजेंट सरकार में है तो हो सकता है कि या तो उनकी दाऊद से दोस्ती हो या उसने धमकी दी हो कि अगर मेरे एजेंट को बाहर का दरवाजा दिखाया गया तो वह भी बहुत दिन तक सीएम नहीं रह पाएंगे. अब महाराष्ट्र की जनता तय करेगी कि उन्हें सीएम बने रहने देना चाहिए या नहीं.
पिता के सिद्धांतों से उद्धव ने कर लिया समझौता
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया कि सत्ता पाने के लिए उद्धव ठाकरे ने अपने पिता बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों को छोड़ दिया. बीजेपी नेता उद्धव ठाकरे के पिता अकसर शरद पवार और दाऊद इब्राहिम की दोस्ती की बात करते थे लेकिन ऐसा दिखता है कि उद्धव अपने सीएम पद को लेकर चिंतित हैं इसलिए उन्होंने अपनी संस्कृति और अपने पिता के जीवन के सिद्धांतों से समझौता कर लिया है.
स्पेशल कोर्ट ने मलिक पर यह की थी टिप्पणी
- नवाब मलिक के खिलाफ स्पेशल कोर्ट ने ED के आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि नवाब मलिक कुर्ला में गोवावाला कंपाउंड हड़पने में सीधे तौर पर शामिल हैं.
- विशेष न्यायाधीश राहुल एन रोकाडे ने कहा था कि आरोपी नवाब मलिक ने डी-कंपनी के सदस्य यानी हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मुनिरा प्लंबर से संबंधित प्रॉपर्टी हड़पने के लिए आपराधिक साजिश रची थी.
- स्पेशल कोर्ट ने कहा था कि नवाब मलिक ने हसीना पारकर और अन्य के साथ मिलीभगत की. इसके बाद संपत्ति हड़प ली, यह प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत किया गया अपराध था.
चार्जशीट में ईडी ने यह किया है दावा
एनसीपी नेता नवाब मलिक के खिलाफ चार्जशीट में ED ने दावा किया है कि मलिक, उनके भाई असलम, दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और 1993 के सीरियल ब्लास्ट के दोषी सरदार खान के बीच गोवावाला कंपाउंड को लेकर कुर्ला में कई दौर की बैठकें हुई थीं. इसी संबंध में बाद में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया.
ED ने कहा कि हसीना पारकर टेरर फंडिंग के लिए कई बड़ी और प्रॉमिनेंट प्रॉपर्टी के अवैध कब्जे में लिप्त थीं. इन्हीं में से एक प्रॉपर्टी गोवावाला कंपाउंड है, जिसके मालिक मुनीरा प्लंबर और मरियम गोवावाला हैं. सरदार खान भी साजिश का हिस्सा था.
चार्जशीट में कहा कि शुरुआत में मलिक ने अपने दबदबे और बाहुबल का इस्तेमाल कर कुर्ला जनरल स्टोर पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था. उन्होंने लोगों को गुमराह किया और गोवावाला कंपाउंड में अपनी कंपनी सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स का अधिग्रहण करने के लिए कब्जा कर लिया.