
महाराष्ट्र कांग्रेस ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद की ओर से ली गई पद और गोपनीयता की शपथ में कही गई बातों पर सवाल उठा दिए हैं. कांग्रेस की ओर से पूछा गया है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिंदे को शपथ के दौरान शिवसेना के संस्थापक बाला ठाकरे और शिवसेना के दिवंगत नेता आनंद दिघे का नाम लेने की इजाजत क्यों दी.
कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंधे की ओर से किए गए एक ट्वीट में कहा गया है कि साल 2019 में जब महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार का शपथग्रहण हो रहा था तो उस समय गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने नेताओं के नाम लेने पर टोका और फिर से शपथ पढ़ने का आदेश दिया था. बता दें कि उस समय कांग्रेस के नेता केसी पडवी ने शपथ लेने के दौरान सोनिया गांधी का नाम लिया था जिस पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें रोक दिया था. उस घटना का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या राज्यपाल ने अपना रुख बदल लिया है.
बता दें कि एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ ली है. इससे पहले शाम को 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी नेता ने सीएम पद के लिए एकनाथ शिंदे का नाम लेकर सबको चौंका दिया. माना जा रहा था कि नई सरकार की कमान फडणवीस को ही मिलेगी. लेकिन शिंदे के नाम का अंदेशा किसी को नहीं था.
लेकिन इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद तुरंत बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मीडिया से कहा कि फडणवीस को भी महाराष्ट्र सरकार में शामिल होना चाहिए. थोड़ी ही देर में गृहमंत्री अमित शाह की ओर से ट्वीट किया गया था कि देवेंद्र फडणवीस पार्टी अध्यक्ष की बात मान गए हैं. शाम 7 बजे राजभवन में एकनाथ शिंदे के साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने भी शपथ ली और उनको डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के 39 विधायकों ने बगावत करके गुवाहाटी में डेरा डाल दिया था. शिंदे की शर्त थी कि उद्धव ठाकरे एनसीपी-कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाएं. उनका कहना था कि इन दोनों पार्टियों के साथ गठबंधन पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे की हिंदुत्व की विचारधारा से समझौता है.
बागी विधायकों को मानने के लिए उद्धव ठाकरे ने कई बार भावनात्मक अपील की लेकिन कोई भी टस से मस नहीं हुआ. इसके बाद विधानसभा के डिप्टी स्पीकर की ओर से इन विधायकों में से 12 को नोटिस जारी कर दिया गया. इस नोटिस के खिलाफ शिंदे गुट सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया. जहां पर उद्धव ठाकरे को झटका लगा और उन्हें सदन में बहुमत सिद्ध करने के लिए कहा गया. लेकिन इसकी नौबत आने से पहले ही उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.
शुक्रवार की शाम को देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का सीएम बनाने का ऐलान कर दिया. फडणवीस के इस फैसले से वहां मौजूद बीजेपी नेता भी भौचक्के रह गए. इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मीडिया में आकर बयान दिया कि देवेंद्र फडणवीस को भी सरकार में शामिल होना चाहिए. थोड़ी ही देर बाद खबर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अध्यक्ष जी के कहने पर देवेंद्र फडणवीस सरकार में शामिल होने के लिए मान गए हैं. शुक्रवार की ही शाम 7 बजे एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को पद और गोपनीयता की शपथ ली. फडणवीस को डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी दी गई है.