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टूलकिट केस: दिल्ली पुलिस ने शांतनु के घर डाला डेरा, अग्रिम जमानत पर सुनवाई आज

शांतनु, जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि और निकिता जैकब पर टूलकिट बनाने का आरोप लगाया गया है. शांतनु महाराष्ट्र के बीड़ का रहने वाला है. दिल्ली पुलिस की एक टीम पिछले दो दिनों से शांतनु के परिवार से पूछताछ कर रही है.

शांतनु की अग्रिम जमानत पर सुनवाई आज (फाइल फोटो) शांतनु की अग्रिम जमानत पर सुनवाई आज (फाइल फोटो)
पंकज उपाध्याय/विद्या
  • मुंबई,
  • 16 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST
  • अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट पहुंचे शांतनु
  • दिल्ली कोर्ट की तरफ से गैर जमानती वारंट जारी
  • शांतनु के घर बीड में डेरा डाले हुए है दिल्ली पुलिस

जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा सोशल मीडिया पर किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी 'टूलकिट' साझा किये जाने के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज मामले में आरोपी पर्यावरण कार्यकर्ता शांतनु मुलुक ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है. दिल्ली पुलिस, दिशा के बाद अन्य लोगों की तलाश में है. सोमवार को दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन को लेकर शांतनु मुलुक के घर पर छापेमारी की. 

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दरअसल शांतनु, जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि और निकिता जैकब पर टूलकिट बनाने का आरोप लगाया गया है. शांतनु महाराष्ट्र के बीड का रहने वाला है. दिल्ली पुलिस की एक टीम पिछले दो दिन से शांतनु के परिवार से पूछताछ कर रही है. 

शांतनु के परिवार वालों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने उनसे बैंक अकाउंट डिटेल मांगे और उनके खिलाफ किसान आंदोलन को समर्थन देने का केस दर्ज किया है. शांतनु मुलुक परिवार का सबसे बड़ा लड़का है. परिवार वालों ने बताया कि वो प्रोफेशन से इंजीनियर है और अमेरिका से एमएससी की डिग्री ली है. शांतनु किसानों और पर्यावरण के मुद्दे को लेकर हमेशा से भावुक रहा है. परिजनों ने आगे कहा कि शांतनु राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करता है.   

परिवार का दावा- एक हफ्ते नहीं हुई बात

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परिवार के एक सदस्य ने कहा कि हमलोग अब उसको लेकर चिंतित हैं. आठ दिन पहले हमलोगों की बातचीत हुई थी. तब से हमलोगों के बीच कोई संपर्क नहीं है. शांतनु के पिता ने आजतक से कहा कि उन्हें अपने बेटे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. वह औरंगाबाद में काम करता है और किसी काम के सिलसिले में वो पुणे गया है. पिछले दो दिन से दिल्ली पुलिस की टीम हमसे पूछताछ कर रही है. हमलोग पूछताछ में उनका सहयोग कर रहे हैं. शांतनु पर्यावरण के लिए काम करता है और किसान आंदोलन को लेकर विचारशील था.  

शांतनु के चाचा सचिन मुलुक ने कहा कि बिना किसी वजह के उनके परिवार को बदनाम किया जा रहा है. इस बीच कांग्रेस नेता दादासाहेब मुंडे ने कहा है कि उनकी पार्टी शांतनु और उनके परिवार की मदद करेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि किसान आंदोलन का समर्थन करना देश के खिलाफ अपराध कैसे हो जाता है. हमलोग शांतनु परिवार के खिलाफ उठाए गए इस कदम का विरोध करते हैं. 

वहीं शांतनु मुलुक ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है. इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी वकील निकिता जैकब और पर्यावरण कार्यकर्ता शांतनु मुलुक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. अदालत मंगलवार को याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. दिल्ली पुलिस के अनुसार, दोनों पर दस्तावेज तैयार करने और "खालिस्तान-समर्थक तत्वों" के सीधे सम्पर्क में होने का आरोप है. 

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मध्य महाराष्ट्र के बीड जिले के निवासी मुलुक ने अपनी याचिका उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में दायर की है. शांतनु के वकील सतेज जाधा ने कहा कि मुलुक को सही कोर्ट में आवेदन करने का समय मिलना चाहिए. इसलिए जरूरी है कि उसे समय दिया जाए. उसे पुलिस गिरफ्तार ना करे. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस, शांतनु के बीड स्थित पैतृक आवास पर डेरा डाले हुए है. दिल्ली पुलिस की टीम ने बिना किसी प्रक्रिया को फॉलो करते हुए कई चीजें सीज कर ली हैं. प्रक्रिया उल्लंघन की बात करें तो दिल्ली साइबर पुलिस ने उनके घर पहुंचने से पहले स्थानीय पुलिस को अपने साथ भी नहीं लिया था. 

 

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