
महाराष्ट्र में 9 दिनों तक चले सियासी घमासान के बाद गुरुवार को शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. वहीं, डिप्टी सीएम का जिम्मा देवेंद्र फडणवीस को सौंपा गया. उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बनाए जाएंगे, लेकिन अचानक एकनाथ शिंदे के नाम के ऐलान ने सभी को हैरान कर दिया. अब कहा जा रहा है कि फडणवीस नाराज हैं. वो बीजेपी ऑफिस में होने वाले जश्न समारोह में शामिल नहीं होंगे. वहां सिर्फ मुंबई बीजेपी के नेता नई सरकार बनने का जश्न मनाएंगे.
गुरुवार को फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम बनेंगे और भाजपा उन्हें समर्थन देगी. हालांकि, शिंदे को समर्थन देने की बात कहने वाले फडणवीस शाम होते-होते खुद डिप्टी सीएम बन गए. शपथग्रहण के दौरान ये खबरें भी आती रहीं कि मुख्यमंत्री ना बनाए जाने से देवेंद्र फडणवीस नाराज हैं.
सूत्रों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे के को सीएम बनाने का फैसला 2 दिन पहले लिया जा चुका था. यह फैसला तब लिया गया, जब फडणवीस को शीर्ष नेतृत्व ने मिलने के लिए दिल्ली बुलाया था. शपथ ग्रहण का पूरा कार्यक्रम तय योजना के मुताबिक ही हुआ है.
वहीं, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने इसे देवेंद्र फडणवीस का त्याग और समर्पण बताया. देवेंद्र फडणवीस के शिंदे सरकार में शामिल होने की जानकारी सबसे पहले जेपी नड्डा ने ही ट्वीट कर दी थी.
शिवसेना पहुंची सुप्रीम कोर्ट
इधर, शुक्रवार को शिवसेना बागी विधायकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची, लेकिन वहां से उनको राहत नहीं मिली. शिवसेना के उद्धव खेमे ने मांग उठाई कि सुप्रीम कोर्ट इन 16 बागी विधायकों को सस्पेंड करे, जिनके खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही शुरू की गई है. बता दें कि इन 16 विधायकों में महाराष्ट्र के नए सीएम एकनाथ शिंदे का भी नाम शामिल है.
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि वह इसपर 11 जुलाई को ही सुनवाई करेगी. तब महाराष्ट्र से संबंधित बाकी अर्जियों पर सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने लगाई थी.