
देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में बीजेपी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए उपमुख्मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की है. उन्होंने एक बयान में कहा, 'महाराष्ट्र में बीजेपी को जो झटका लगा उसकी पूरी जिम्मेदारी मैं लेता हूं, क्योंकि पार्टी का नेतृत्व मैं कर रहा था. मैं विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में भारतीय जनता पार्टी को पूरा समय देना चाहता हूं. मैं बीजेपी आलाकमान से अनुरोध कर रहा हूं कि वे मुझे सरकार की जिम्मेदारी से मुक्त कर दें ताकि मैं आगामी चुनावों के लिए पार्टी के लिए कड़ी मेहनत कर सकूं.' बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी सिर्फ 9 लोकसभा सीटें जीत सकी. वहीं उसके गठबंधन सहयोगी शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) क्रमश: 7 और 1 सीट जीत सके. राज्य की 48 सीटों में से एनडीए को सिर्फ 17 सीटें मिलीं. इंडिया ब्लॉक को 30 सीटों पर जीत मिली.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'मैं देश की जनता को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए अपना आशीर्वाद दिया है. महाराष्ट्र में हमें अपेक्षित नतीजे नहीं मिले. हमें बहुत कम सीटें मिलीं. नैरेटिव की लड़ाई भी थी. विपक्ष ने संविधान बदलने का नैरेटिव सेट किया जिसको हम काउंटर नहीं कर सके. जिनको सबसे ज्यादा सीटें मिलीं, उन्हें भी मैं बधाई देता हूं. सभी चुनावों में एक मैथेमेटिक्स है जिसमें हम हार रहे हैं. एमवीए को भले ही 30 सीटें मिली हों लेकिन वोट शेयर लगभग उतना ही है. उन्हें 2 लाख 50 हजार वोट मिले और हमें 2 लाख 48 हजार वोट मिले. मुंबई में कुल मिलाकर हमें विपक्षी गठबंधन से 2 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं. लेकिन हमें सीटें सिर्फ दो मिलीं. मुंबई की कई सीटों पर जीत और हार का मार्जिन बहुत कम रहा.'
इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा. भाजपा ने 2019 के चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 23 सीटें जीती थीं. राजस्थान में पार्टी ने पिछली बार 25 में से 24 सीटें जीती थीं. इस बार उसे सिर्फ 14 सीटों से संतोष करना पड़ा. इसी तरह पश्चिम बंगाल में पार्टी 18 से 9 सीटों पर आ गई और यूपी में एनडीए 64 से 36 सीटों पर आ गई. बीजेपी ने अकेले 62 सीटें जीती थीं, इस बार उसे सिर्फ 33 सीटों से संतोष करना पड़ा. इस बार भाजपा की बढ़त 272 के बहुमत के आंकड़े से 32 कम है. वह सरकार गठन के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल अपनेसहयोगियों पर निर्भर है.