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भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर, फडणवीस फिर बने CM, अजित पवार डिप्टी सीएम

महाराष्ट्र में शनिवार सुबह भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला. शनिवार सुबह बीजेपी ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलाई. वहीं अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली.  

 देवेंद्र फडणवीस  ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ (फोटो-ANI) देवेंद्र फडणवीस ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ (फोटो-ANI)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 23 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:50 AM IST

  • शनिवार सुबह बीजेपी ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली
  • पीएम नरेंद्र मोदी ने फडणवीस को दोबारा सीएम बनने पर बधाई दी

महाराष्ट्र में शनिवार सुबह भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला. शनिवार सुबह बीजेपी ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलाई. वहीं अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली.

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शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया था. हमारे साथ लड़ी शिवसेना ने उस जनादेश को नकार कर दूसरी जगह गठबंधन बनाने का प्रयास किया. महाराष्ट्र को स्थिर शासन देने की जरूरत थी. महाराष्ट्र को स्थायी सरकार देने का फैसला करने के लिए अजित पवार को धन्यवाद.

अजित पवार ने कहा कि परिणाम दिन से लेकर आज तक कोई भी सरकार सरकार बनाने में सक्षम नहीं थी, महाराष्ट्र किसान मुद्दों सहित कई समस्याओं का सामना कर रहा था, इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया.

वहीं इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का दोबारा सीएम बनने पर बधाई दी है. पीएम ने कहा, देवेंद्र फडणवीस जी और अजित पवार जी को क्रमशः मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई. मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे.

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बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया था. हालांकि, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा था कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं. इससे पहले तीनों पार्टियों की बैठक से निकलने के बाद शरद पवार ने कहा था कि जहां तक मुख्यमंत्री की बात है, उस पर कोई दोराय नहीं है. उद्धव ठाकरे को ही सरकार को लीड करना चाहिए. लेकिन शनिवार सुबह महाराष्ट्र के राजनीति की तस्वीर बदल गई.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे. राज्य में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने की वजह से राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. शिवसेना के मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर बीजेपी से 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ने के बाद से राज्य में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था.

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