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वधावन बंधुओं पर जेल प्रशासन की मेहरबानी पर आया DIG का बयान

कपिल और धीरज वधावन 34,614 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में सजा काट रहे हैं. इस बीच उनके कुछ फोटोज सामने आए हैं. इनसे पता चलता है कि वे लोग हॉस्पिटल पार्किंग में मीटिंग करते थे. इसी के साथ उनको जेल में लैपटॉप-मोबाइल की सुविधा थी.

मेडिकल चेकअप के नाम पर वधावन बंधुओं को स्पेशल ट्रीटमेंट मेडिकल चेकअप के नाम पर वधावन बंधुओं को स्पेशल ट्रीटमेंट
दिव्येश सिंह
  • मुंबई,
  • 29 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 11:03 PM IST

DHFL के मालिक वधावन बंधुओं पर जेल प्रशासन की मेहरबानी चर्चा में है. अब इसपर डीआईजी जेल योगेश देसाई का बयान आया है. योगेश देसाई ने वधावन बंधुओं को जेल से बाहर लेकर जाने पर सफाई दी है. उनका कहना है कि जेल में इलाज-चेकअप की ठीक सुविधा नहीं होती हैं.

बता दें कि वधावन बंधुओं की कुछ फोटोज और वीडियो Aajtak के हाथ लगी हैं. इसमें वे लोग हॉस्पिटल पार्किंग में मीटिंग करते हुए दिख रहे हैं. वहीं लैपटॉप-मोबाइल की सुविधा भी उन लोगों को मिली हुई है, ऐसा सामने आया है.

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डीआईजी जेल योगेश देसाई ने कहा, 'ये खबर सामने आने के बाद जानकारी मांगी गई है. जेल सिस्टम में सभी तरीके की सुविधाएं नहीं होती हैं. साधारण से टेस्ट के लिए भी कैदियों को हॉस्पिटल भेजा जाता है. कैदियों को पहले जेल अधीक्षक के पास लेकर जाया जाता है उसके बाद पुलिस उन कैदियों को हॉस्पिटल लेकर जाती है.'

योगेश देसाई ने आगे कहा कि उन्होंने तलोजा जेल से कागजात मंगाए हैं. जेल प्रशासन से पूछा गया है कि ये लोग नियमित रूप से हॉस्पिटल क्यों जाते थे. डॉक्टर्स से भी इसके बारे में जानकारी ली जाएगी.

Exclusive: हॉस्पिटल पार्किंग में मीटिंग, लैपटॉप-मोबाइल की सुविधा... DHFL के मालिक वधावन बंधुओं पर मेहरबान जेल प्रशासन

देसाई ने आगे कहा कि जेल में MBBS, BAMS डॉक्टर नहीं होते. उन्होंने ये भी कहा कि तलोजा जेल और जेजे हॉस्पिटल के बीच दूरी काफी ज्यादा है, कभी-कभी जब OPD से अपाइंटमेंट नहीं मिल पाता है तो कैदी को दोबारा बुलाया जाता है.

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क्या है मामला?

34,614 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में DHFL के पूर्व प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं. देश की 17 बैंकों को चूना लगाने वाले वधावन बंधू जेल प्रशासन की मेहरबान से ऐश काट रहे हैं.

दोनों मेडिकल जांच के नाम पर हफ्ते में कई बार जेल से अस्पताल जाते हैं, जहां पार्किंग में उनकी मीटिंग अरेंज कराई जाती हैं. वधावन परिवार के सदस्य भी इस दौरान मौजूद रहते हैं. इतना ही नहीं इस दौरान दोनों मोबाइल-लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं. घर से लाया गया खाना खाते हैं. ये खुलासा आजतक के स्पेशल ऑपरेशन में हुआ है.

आजतक के ऑपरेशन में सामने आया है कि दोनों भाइयों को मेडिकल चेकअप के नाम पर हफ्ते में 3-4 बार जेल से अस्पताल ले जाया जाता है. पिछली बार 7 अगस्त को मुंबई के KEM हॉस्पिटल में कपिल को मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया था. जबकि 9 अगस्त को धीरज वधावन जेजे हॉस्पिटल पहुंचे थे. यहां वधावन बंधू इलाज के बजाय अपनी अपनी कारों में बैठकर परिवार और आपसी लोगों के साथ मुलाकात करते हैं.

कार में पारिवारिक से लेकर बिजनेस से जुड़ीं मीटिंग होती हैं. ये सिलसिला कई घंटों तक चलता है. आजतक के ऑपरेशन में दोनों भाइयों की तस्वीरें भी सामने आई हैं. इन दोनों का ये स्पेशल ट्रीटमेंट तब से चल रहा है, जब से दोनों को तलोजा जेल भेजा गया है.

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