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पूजा खेडकर की दिव्यांगता को लेकर अस्पताल और फिजियोथेरेपी विभाग का अलग-अलग दावा, आजतक के पास एक्सक्लूसिव दस्तावेज

पूजा ने वाईसीएम के डॉक्टरों को बताया कि वह 2018 में एक छोटी दुर्घटना की शिकार हो गई थीं. इसी वजह से उनका बायां घुटना चोटिल हो गया. लेकिन जांच के दौरान वाईसीएम के डॉक्टरों द्वारा 2018 का कोई मेडिकल साक्ष्य सत्यापित नहीं किया गया. बिना एमआरआई स्कैन कराए ही डॉक्टरों ने उन्हें फिजियोथेरेपी की सलाह दे दी.

 विकलांगता प्रमाण पत्र की वैधता को लेकर ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर विवादों में हैं. (ANI Photo) विकलांगता प्रमाण पत्र की वैधता को लेकर ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर विवादों में हैं. (ANI Photo)
ओमकार
  • पुणे,
  • 29 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:26 PM IST

यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल (YCMH) ने 25 जुलाई को कहा था कि उनकी आंतरिक जांच में पाया गया है कि ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने में कोई गलती नहीं हुई थी. प्रमाण पत्र की वैधता के संबंध में सवाल उठने के बाद अस्पताल के डीन डॉ. राजेंद्र वाबले के नेतृत्व में जांच शुरू की गई थी, जिसमें खेडकर को 7 प्रतिशत दिव्यांग घोषित किया गया था. जांच जिला कलेक्टर के आदेश पर की गई, जिन्होंने मामले पर स्पष्टीकरण मांगा था.

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हालांकि, यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल के फिजियोथेरेपी विभाग की रिपोर्ट में कहा गया था कि पूजा खेडकर को कोई दिव्यांगता नहीं है. अस्पताल प्रशासन ने इसके बावजूद उनके बाएं घुटने में 7 फीसदी लोकोमोटर दिव्यांगता का सर्टिफिकेट जारी किया. आजतक के पास इसके एक्सक्लूसिव दस्तावेज मौजूद हैं, जो फिजियोथेरेपी विभाग और अस्पताल प्रशासन के फैसले में विरोधाभास को उजागर करते हैं.

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पूजा खेडकर ने लोकोमोटर दिव्यांगता  प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए 23 अगस्त, 2022 को यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल से संपर्क किया. इसके लिए उन्होंने अपने फर्जी राशन कार्ड डिटेल्स के आधार पर फर्जी एड्रेस प्रूफ दिया था. 24 अगस्त, 2022 को पूजा को लोकोमोटर विकलांगता प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ. पूजा ने वाईसीएम के डॉक्टरों को बताया कि वह 2018 में एक छोटी दुर्घटना की शिकार हो गई थीं. इसी वजह से उनका बायां घुटना चोटिल हो गया. 

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लेकिन जांच के दौरान वाईसीएम के डॉक्टरों द्वारा 2018 का कोई मेडिकल साक्ष्य सत्यापित नहीं किया गया. बिना एमआरआई स्कैन कराए ही डॉक्टरों ने उन्हें फिजियोथेरेपी की सलाह दे दी. इसके बाद पूजा ने वाईसीएम हॉस्पिटल के फिजियोथेरेपी विभाग में जांच करायी, लेकिन फिजियोथेरेपी विभाग को रेजिडेंट डॉक्टर द्वारा दिखाई गई 7% लोकोमोटर दिव्यांगता नहीं मिली. इसके विपरीत, फिजियोथेरेपी विभाग ने बताया कि पूजा खेडेकर के घुटने में कोई दिव्यांगता  नहीं थी.

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पूजा खेडकर की दिव्यांगता को लेकर वाईसीएम अस्पताल के डीन डॉक्टर राजेश वाबले की जांच रिपोर्ट को पीसीएमसी कमिश्नर ने खारिज कर दिया है. पीसीएमसी कमिश्नर शेखर सिंह ने वाईसीएम प्रशासन को जांच रिपोर्ट में संशोधन करने का आदेश दिया है. कमिश्नर ने सवाल उठाए हैं कि रेजिडेंट डॉक्टर ने कैसे पूजा खेडकर की जांच की? दिव्यांगता का निर्धारण किस साक्ष्य एवं परीक्षण के आधार पर किया गया? वाईसीएम के फिजियोथेरेपिस्ट ने कहा कि खेडकर के बाएं घुटने में कोई दिव्यांगता नहीं है, जब ऐसा बताया गया तो उन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र कैसे दे दिया गया?

क्या है पूजा खेडकर का मामला?

ब​ता दें कि पूजा खेडकर सिविल सेवा के लिए अपने आवेदन में 'गलत बयानी और गलत तथ्य प्रस्तुत करने' के आरोप में आपराधिक मामले का सामना कर रही हैं. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने उनका चयन रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उन्हें दोबारा परीक्षा देने से भी रोका जा सकता है. दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और जांच जारी है.

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पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर महाराष्ट्र सरकार के पूर्व अधिकारी हैं, जो अब भ्रष्टाचार के मामले का सामना कर रहे हैं और उन्हें जबरन वसूली सहित अन्य संबंधित आरोपों में दो बार निलंबित किया जा चुका है. पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर सरपंच हैं. कुछ दिनों पहले उनका एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ था, जिसमें वह बंदूक लहराते हुए और लोगों के एक समूह को धमकाती दिख रही थीं. इस वीडियो के सामने आने के बाद वह मुसीबत में पड़ गईं. उन्हें आर्म्स एक्ट मामले में गिरफ्तार किया गया है.

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