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महाराष्ट्र: बंगला बेचने के 19 साल बाद मिला महिला को न्याय, मंत्री के रिश्तेदार से मिले 8.41 करोड़ रुपये

78 वर्षीय डोरेन फर्नांडीस ने जब 1994 में अपना बंगला बेचा तो उस समय उन्हें बदले में पांच फ्लैट देने का वादा किया गया लेकिन बाद में उन्हें कुछ नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने 19 साल तक इसके लिए संघर्ष किया और अब मंत्री छगन भुजबल के भतीजे की कंपनी से उन्हें 8 करोड़ से अधिक की धनराशि मिली है.

डोरेन फर्नांडिस इस बात से खुश है कि अब उनके तीनों बेटों का भविष्य अब सुरक्षित है डोरेन फर्नांडिस इस बात से खुश है कि अब उनके तीनों बेटों का भविष्य अब सुरक्षित है
मुस्तफा शेख
  • मुंबई,
  • 03 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST

महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल और उनके परिवार के साथ लगभग 19 साल की कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार 78 वर्षीय डोरेन फर्नांडीस को अपने पैतृक बंगले की बिक्री से वह मिल गया जिसकी वह हकदार थीं. फर्नांडिस को भुजबल के भतीजे समीर भुजबल की कंपनी परवेश कंस्ट्रक्शन से 8.41 करोड़ रुपये मिल गए हैं.

अंजलि दमानिया सामने लाई थीं मुद्दा

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इस कानूनी लड़ाई में डोरेन को करीब दो दशक लग गए और कई मुश्किल हालातों से उन्हें जूझना पड़ा. यहां तक कि 2021 में उनके पति क्लाउड फर्नांडीस का निधन हो गया जिसके बाद उनके सिर पर अपने तीन ऑटिस्टिक बेटों की जिम्मेदारी भी आ गई. सामाजिक कार्यकर्ता और आम आदमी पार्टी (आप) की पूर्व नेता अंजलि दमानिया ने फर्नांडिस परिवार की दुर्दशा को लोगों के सामने रखा. दमानिया ने शुरुआत में यह मुद्दा 2014-15 में उठाया था जब भुजबल और उनके पूर्व सांसद भतीजे समीर की गिरफ्तारी हुई थी लेकिन यह जल्द ही मामला रफा-दफा हो गया.

हालांकि पैसा पाने के लिए फर्नांडिस परिवार को काफी मुश्लिक झेलनी पड़ी.  अब जब मामले का निपटारा हो गया है तो इस पर भुजबल ने कहा, "हमने सभी कागजात की जांच की है. उन्होंने सभी दस्तावेज जमा कर दिए हैं. भुगतान कर दिया गया है." 

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सीएम और डिप्टी सीएम ने किया हस्तक्षेप

दमानिया ने सोमवार को एक्स पर जाकर डोरेन की पासबुक की तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें उनके बैंक खाते में जमा की गई राशि दिखाई दे रही थी. दमानिया ने अपने एक्स पर लिखे पोस्ट में लिखा, 'मैंने हमेशा पवार परिवार के साथ कड़ा संघर्ष किया है, इसके बावजूद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता सुप्रिया सुले ने इस मामले में हमारी बहुत मदद की. मैं इसके लिए उन्हें सम्मानपूर्वक धन्यवाद देती हूं.' दमानिया ने कहा कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई लड़ाईयां लड़ीं लेकिन इस लड़ाई से उन्हें "काफी संतुष्टि मिली."

पिछले महीने, दमानिया ने डोरेन और उसके तीन ऑटिस्टिक बेटों के साथ धरने पर बैठने की धमकी दी थी, लेकिन पुलिस ने उसे अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद, उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसकी बात शायद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तक पहुंची, जिसके बाद उन्हें हस्तक्षेप करना पड़ा. डोरेन ने खुशी व्यक्त की और कहा कि उनके तीन बेटों का भविष्य अब सुरक्षित है.

उन्होंने कहा, 'लंबा इंतजार करना पड़ा. मुझे कई बैठकों में भाग लेना पड़ा. मैं  साथ देने के लिए अंजलि दमानिया की आभारी हूं. मुझे यह पैसा बचाना होगा ताकि मेरे बेटों को आरामदायक जीवन मिल सके. उनकी विशेष जरूरतें हैं और हैं देखभाल की जाएगी. भुगतान की गई राशि तीन फ्लैटों के लिए है. हमें पांच फ्लैटों का वादा किया गया था, लेकिन हमें जो मिला उससे मैं संतुष्ट हूं. हम भविष्य में बेहतर जीवन जीने का लक्ष्य रख रहे हैं.'

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मामला क्या है?

डोरेन फर्नांडिस ने दावा किया कि उनके परिवार ने 1994 में पुनर्विकास के लिए पांच फ्लैटों के बदले अपना बंगला दे दिया था. डेवलपर्स ने इसे समीर भुजबल की परवेश कंस्ट्रक्शन को बेच दिया, जिसने वहां एक बहुमंजिला इमारत बनाई. हालाँकि, परिवार को कुछ नहीं मिला.

इससे पहले, समीर भुजबल ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्होंने रहेजा कंपनी से संपत्ति खरीदी थी. उन्होंने मानवीय आधार पर उन्हें 50 लाख रुपये की पेशकश की, लेकिन डोरेन ने इससे इनकार कर दिया था.
 

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