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‘डर्टी मनी’ के स्रोत का पता लगना चाहिए, संजय राउत के मामले में मुंबई कोर्ट की टिप्पणी

शिवसेना नेता संजय राउत को 8 अगस्त तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया गया है. इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान मुंबई की एक विशेष अदालत ने एक सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट का कहना है कि मामले में ‘डर्टी मनी’ के स्रोत का पता लगना चाहिए.

संजय राउत (फाइल फोटो) संजय राउत (फाइल फोटो)
विद्या
  • मुंबई,
  • 04 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:43 PM IST
  • संजय राउत की हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ी
  • संजय राउत को मिलेगा वेंटिलेशन वाला कमरा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शिवसेना नेता संजय राउत को 8 अगस्त तक हिरासत में रखने की इजाजत मिल गई है. मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत काम करने वाली एक विशेष अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए ईडी को ये इजाजत दे दी. सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एम. जी. देशपांडे ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा-मामले में डर्टी मनी के स्रोत का पता लगना चाहिए.

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मिला है नए लेनदेन का ब्यौरा

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील हितेन वेणेगांवकर ने कहा कि ईडी को जांच में दो अन्य लेनदेन के बारे में पता चला है. इनकी गहराई से जांच किए जाने की जरूरत है. वहीं राउत की ओर से पेश वकील मनोज मोहिते ने कहा कि चार दिन तक हिरासत में रखने के बाद भी एजेंसी कुछ भी नया पता नहीं लगा सकी है. वेणेगांवकर का कहना है कि दस्तावेज बताते हैं कि कुछ लोगों ने नकद पैसे भी दिए. ये राशि लगभग 1.17 करोड़ रुपये की है. ये दस्तावेज अलीबाग में हुए नकद लेनदेन से जुड़े हैं. इसी इलाके में प्लॉट खरीदे गए और इनके बारे में संजय राउत ने पहले मना कर दिया था.

हितेन वेणेगांवकर ने बताया कि बैंक खातों की जांच के दौरान ये भी सामने आया कि आरोपी के खाते में कुछ अनजान लोगों ने भी भारी मात्रा रकम ट्रांसफर की. ये राशि लगभग 1.08 करोउ़ रुपये की है. इस तरह पहले 1.06 करोड़ रुपये का लेनदेन पकड़ा गया, अब 1.17 करोड़ रुपये और 1.08 करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन भी मिले हैं. मामले में जांच महत्वपूर्ण मोड़ पर है. वहीं वर्षा राउत के खाते में आए पैसे के बारे में संजय राउत कोई जानकारी नहीं दे सके हैं.

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‘डर्टी मनी’ के स्रोत का पता लगना चाहिए

सरकारी वकील की दलीलों का मनोज मोहिते ने विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने उसे स्वीकार नहीं किया. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद विशेष अदालत ने कहा-जांच में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. सबसे पहले ईडी को डर्टी मनी के स्रोत की जानकारी जुटानी है और कैसे इस पैसे को सिस्टम में डाला गया. दूसरा ईडी को ये भी पता लगाना है कि ये पैसा इन लेनदेन के अलावा कहीं किसी आपराधिक काम से तो नहीं आया. तीसरा ईडी को ये भी बताना है कि अगर उन्होंने (राउत) इस पैसे का इस्तेमाल किया है तो उसका स्रोत वैधानिक है और इस वजह से वो इसका उपयोग (मतलब आय से अधिक संपत्ति का मामला तो नहीं है) कर सकते हैं. इन सब पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अदालत ने संजय राउत को 8 अगस्त तक हिरासत में भेज दिया.
 
संजय को मिलेगा खिड़की वाला कमरा

सुनवाई के दौरान संजय राउत ने कोर्ट को इस बात की जानकारी भी दी कि पिछले 4 दिन में ईडी की रिमांड को लेकर उनकी कोई शिकायत नहीं है. बस ईडी के अधिकारियों ने उन्हें जिस कमरे में रखा था, वहां कोई खिड़की या वेंटिलेशन नहीं था. इस पर न्यायाधीश देशपांडे ने कहा कि ये गंभीर मामला है और ईडी से पूछा कि वो इस बारे में क्या करने वाली है. इस पर सरकारी वकील हितेन वेणेगांवकर ने कोर्ट को बताया कि संजय राउत को जिस कमरे में रखा गया है, वो पूरी तरह से एयर कंडीशंड है. इसलिए उसमें वेंटिलेशन नहीं है. वह पूरी बिल्डिंग ही एयरकंडीशंड है. राउत ने कहा कि हां, उसमें एसी है, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वो इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. इस पर ईडी ने कहा कि वो राउत को अब वेंटिलेशन वाला कमरा देगी, जिस पर राउत ने संतोष जताया.

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