
एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कमान संभाल ली है. शिवसेना के बागी विधायकों के साथ शिंदे असम के गुवाहाटी पहुंच गए थे. वहां से गुरुवार को शिंदे अपने विधायकों के साथ मुंबई पहुंचे और सीएम पद की शपथ ली. एकनाथ शिंदे का जन्म 4 फरवरी 1964 सातारा में हुआ था. बचपन में ही वह ठाणे रहने चले गए थे.
शिंदे के सीएम बनने के बाद अब उनके परिवार के बारे में भी चर्चा शुरू हो गई है. उनके परिवार की बात करें तो उनके उनका एक बेटा है. जिसका नाम श्रीकांत शिंदे है. पेशे से डॉक्टर श्रीकांत ठाणे के कल्याण क्षेत्र से सांसद हैं. शिंदे के एक भाई हैं. उनका नाम प्रकाश संभाजी शिंदे है, जो ठाणे के कॉर्पोरेटर (पार्षद) हैं. उनकी पत्नी का नाम लता शिंदे है.
सीएम शिंदे के पिता का नाम संभाजी शिंदे है. वे ठाणे में एकनाथ शिंदे के साथ ही रहते हैं. उनकी मां का नाम गंगुबाई संभाजी शिंदे है. 18 अप्रैल 2019 को उनका निधन हो चुका है.
हादसे में 2 बच्चों को खो दिया था
2 जून 2000 का दिन एकनाथ शिंदे के लिए काफी दुख भरा रहा. इस दिन वह महाराष्ट्र के सतारा जिले में अपने 11 साल के बेटे दीपेश और 7 साल की बेटी शुभदा के साथ घूमने गए थे. बोटिंग करते समय एक हादसा हुआ और शिंदे की आंखों के सामने ही उनके बेटे और बेटी पानी में डूब गए.
18 साल की उम्र में ज्वाइन की शिवसेना
किसान परिवार में जन्मे एकनाथ शिंदे को पढ़ाई आर्थिक कारणों के चलते छोड़ना पड़ा. उन्होंने वागले स्टेट में एक मछली की कंपनी में बतौर सुपरवाइजर काम किया. लेकिन उन्हें नौकरी रास नहीं आई और इसलिए उन्होंने ऑटो रिक्शा चलाकर निर्वहन किया. शिंदे ऑटो रिक्शा भी चला चुके हैं. 18 साल की उम्र में उन्होंने शिवसेना में ज्वाइन की थी. उन्होंने आनंद दिघे का विश्वास जीत लिया था. उन्हें 20 साल की उम्र में ही किसान नगर शाखा का अध्यक्ष बना दिया गया था.
पार्षद से विधायक तक का सफर
शाखा अध्यक्ष का पद अच्छे से संभालने के बाद आनंद दिघे ने उन्हें पार्षद का टिकिट दिया. पहली बार 1977 में एकनाथ शिंदे पार्षद चुने गए. उसके बाद 2004 में उन्हें विधायक का टिकिट दिया गया. 2004 से अबतक वह बतौर विधायक चुने जाते रहे हैं.
2019 में चुने गए थे विधायक दल के नेता
एकनाथ शिंदे देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल के ताकतवर मंत्रियों में से एक थे तो उनकी सियासी तूती बोलती थी. साल 2019 की चुनावी जंग जीतकर जब वे चौथी बार विधानसभा पहुंचे, शिवसेना और उसकी तब गठबंधन सहयोगी रही बीजेपी के बीच बात बिगड़ गई. शिवसेना विधायक दल की बैठक में एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुन लिया गया. तब आदित्य ठाकरे को नेता चुने जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं. शिवसेना विधायक दल की बैठक में आदित्य ठाकरे ने ही एकनाथ शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा और उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया.
पहले भी सीएम की रेस में था शिंदे का नाम
साल 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान उद्धव ठाकरे ने एक इंटरव्यू में कहा था कि महाराष्ट्र में एक शिवसैनिक ही सीएम बनेगा. उद्धव ने कहा था कि ये वचन मैंने बालासाहेब ठाकरे को दिया था. ऐसे में महा विकास आघाड़ी की सरकार बन रही थी तो एकनाथ शिंदे का नाम बतौर सीएम सबसे तेजी से उभरा था.