
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब से वीर सावरकर को लेकर फिर से विवादित बयान दिया है, महाराष्ट्र की राजनीति में इसे लेकर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी लगातार राहुल पर हमलावर है, उद्धव से भी तीखे सवाल पूछ रही है. अब एक बार फिर सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उद्धव ठाकरे से कई सवाल पूछे हैं. वीर सावरकर के अपमान को लेकर उन्हें आईना दिखाया गया है. सीएम शिंदे ने बालासाहेब ठाकरे का ही एक पुराना वाक्या साझा कर उद्वव पर हमला किया है.
2004 में बालासाहेब ने क्या किया था?
सीएम शिंदे ने कहा कि ये कह रहे हैं कि सावरकर का अपमान सहन नहीं करेंगे. मैं जानना चाहता हूं कि ये करेंगे क्या. जिस तरह से बालासाहेब ठाकरे ने मणिशंकर अय्यर के पुतले को जूतों से पीटा था, क्या वो भी वैसा ही करेंगे. अब जानकारी के लिए बता दें कि 2004 में तब के पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर पर वीर सावरकर के अपमान करने का आरोप लगा था. तब बालासाहेब ठाकरे ने जूते मारो आंदोलन शुरू किया था. उनकी तरफ से भी अय्यर के पुतले पर जूता मारा गया था. अब उसी किस्से का जिक्र कर शिंदे, उद्धव से सवाल पूछ रहे हैं.
एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात पर भी जोर दिया कि हिंदुत्व की बात करने वाले इस समय राहुल गांधी के शर्मनाक बयान पर एक शब्द नहीं बोल पा रहे हैं. वो तो कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ चल रहे हैं, सदन में काला कपड़ा बांधकर आ रहे हैं. अब इसी अपमान के खिलाफ बीजेपी और शिवसेना मिलकर सावरकर गौरव यात्रा निकालने जा रही है. वैसे शिंदे के अलावा डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी उद्धव पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा में मेरे साथ थोड़ी देकर चलकर उद्धव के विचार बदल गए, मैं तो कांग्रेस-एनसीपी के हर नेता के साथ चलने को तैयार हूं जिससे वे सावरकर जैसे राष्ट्रीय नेताओं का सम्मान करना सीख जाएं.
राहुल के किस बयान पर बवाल?
जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले सदस्यता रद्द होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी से एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि, जब ये लोग 'माफी मांग लेते कहते हैं' तो राहुल गांधी क्या सोचते हैं. इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, 'राहुल गांधी सोचता है कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है'. उनके उसी बयान पर बवाल शुरू हो गया था और उद्धव को भी बोलना पड़ गया कि वे सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते.