
बदलापुर के स्कूल में दो मामूस बच्चियों के साथ शोषण करने के आरोपी अक्षय शिंदे को पुलिस ने सोमवार को एक एनकाउंटर में मार गिराया. घटना के वक्त पुलिस उसे कोर्ट में पेशी के लिए लेकर जा रही थी. अधिकारियों के मुताबिक आरोपी ने पुलिस की गाड़ी में पुलिस की पिस्टल छीनकर पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी. आरोपी ने पुलिस टीम पर कई राउंड फायरिंग की थी, जिसमें पुलिस अधिकारी भी घायल हुए हैं. पुलिस ने बताया कि ये घटना उस वक्त हुई, जब पुलिस टीम अक्षय को तलोजा जेल से अपने साथ ले जा रही थी.
इस एनकाउंटर में शामिल और आरोपी अक्षय को गोली मारने वाले पुलिस इंस्पेक्टर का एक्सक्लूसिव बयान सामने आया है. आरोपी अक्षय शिंदे पर गोली चलाने वाले पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने बताया, "कल (सोमवार) लगभग शाम साढ़े 5 बजे के आसपास तलोजा जेल से आरोपी अक्षय शिंदे को हिरासत में लेने के बाद हम उसे लेकर ठाणे स्थित हमारे गणेशा के-1 कार्यालय जा रहे थे. उस समय मेरे साथ सहायक पुलिस निरीक्षक निलेश मोरे, पुलिस हवलदार अभिजीत मोरे और हरीश तावडे भी थे. पुलिस वैन में पीछे अक्षय शिंदे के साथ एपीआई निलेश मोरे, हवलदार अभिजीत मोरे और हरीश तावडे बैठे थे और मैं ड्राइवर के बगल में बैठा था. जब वैन शील डाउघर के पास पहुंची, तो मुझे सहायक पुलिस निरीक्षक निलेश मोरे का फोन आया, जिन्होंने मुझे बताया कि अक्षय शिंदे जोर-जोर से चिल्ला रहा है."
पुलिस इंस्पेक्टर ने बताया, "इसके बाद मैंने गाड़ी रोकी और पीछे जाकर बैठा. मेरे सामने की सीट पर सहायक पुलिस निरीक्षक निलेश मोरे, उनके बगल में आरोपी अक्षय शिंदे और उसके बाद पुलिस हवलदार अभिजीत मोरे बैठे थे. मैंने अक्षय को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वह गाली-गलौज कर रहा था. इसी बीच, जब हमारी गाड़ी मुंबई के वाय जंक्शन ब्रिज पर पहुंची, तब करीब शाम सवा 6 बजे अक्षय शिंदे ने अचानक सहायक पुलिस निरीक्षक निलेश मोरे के कमर पर लगी सरकारी पिस्टल छीनने की कोशिश करने लगा. वह चिल्ला रहा था - मुझे जाने दो."
आत्मरक्षा में चलाई गोली: पुलिस इंस्पेक्टर
उन्होंने बताया कि इस संघर्ष में निलेश मोरे की पिस्तौल लोड हो गई और एक गोली उनके बाएं पैर में लग गई, जिससे वे नीचे गिर गए. अक्षय शिंदे ने पिस्टल लेकर जोर से चिल्लाते हुए कहा, "अब मैं किसी को भी जिंदा नहीं छोड़ूंगा" और उसने अचानक हवलदार हरीश तावडे की ओर पिस्तौल तानकर जान से मारने के इरादे से दो गोलियां चलाईं. लेकिन, सौभाग्य से वे गोलियां हमें नहीं लगीं. अक्षय के इस उग्र रूप और उसके इरादों को देखकर हमें पूरा यकीन हो गया कि वह हमें जान से मारने वाला है. इसलिए, अपने और अपने सहयोगियों की सुरक्षा के लिए मैंने अपनी पिस्टल से अक्षय की ओर एक गोली चलाई, जिससे वह घायल हो गया और नीचे गिर पड़ा और उसके हाथ से पिस्टल छूट गई.
पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने अपने बयान में कहा, "इसके बाद हमने आरोपी अक्षय शिंदे पर काबू पाया और ड्राइवर को गाड़ी लेकर पास के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल, कलवा पहुंचने का निर्देश दिया. वहां मैंने आरोपी अक्षय शिंदे और सहायक पुलिस निरीक्षक निलेश मोरे को उपचार के लिए भर्ती कराया. डॉक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया, लेकिन मुझे बाद में पता चला कि आरोपी अक्षय शिंदे को अस्पताल में भर्ती करने से पहले ही मौत हो गई थी.
पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे के अनुसार वैन में कुल चार राउंड फायर हुए. आरोपी अक्षय ने एक गोली चलाई, जो पुलिस अधिकारी नीलेश मोरे को लगी. फिर दो राउंड और फायर किए, जो दूसरे पुलिसवालों को नहीं लगे. इसके बाद आत्मरक्षा में एक गोली उन्होंने अक्षय पर चलाई. कुल चार राउंड फायर किए गए और सभी खोखे एफएसएल और पुलिस ने वैन से बरामद कर लिए हैं.
क्या था बदलापुर कांड?
बदलापुर पुलिस ने अक्षय शिंदे को दो स्कूली बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस घटना के सामने आने के बाद स्कूली बच्चों के अभिभावक और स्थानीय लोगों ने भाग लिया, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं. विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों ने स्कूल में तोड़फोड़ की और 'रेल रोको' के दौरान स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पथराव भी किया. इस मामले में एसआईटी जांच कर रही है.
बताया जा रहा है उसकी दो शादियां हो चुकी थी. पहली पत्नी ने उसे छोड़ दिया था. पहली पत्नी के छोड़ने के 4 महीने बाद ही उसने दूसरी शादी कर ली थी. हालांकि, उसकी आदतों की वजह से उसकी दूसरी पत्नी ने भी उसे छोड़ दिया. 16 अगस्त को स्कूल के बाथरूम में दो बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला उजागर होने के बाद उसके खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया था.