
चक्रवाती तूफान वरदा सोमवार को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई पहुंच गया. यहां तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश हो रही है. चेन्नई में हवा की रफ्तार 192 किलोमीटर प्रति घंटा है. जानें चक्रवात वरदा के बारे में...
'आजतक' ने पुणे के साइंस जर्नलिस्ट और मौसम विशेषज्ञ मयूरेश प्रभुवणे से चक्रवात वरदा के बारे में जानकारी ली. उन्होंने बताया कि अभी चेन्नई में जो वरदा चक्रवात आया है, उसका नाम पाकिस्तान ने रखा है. वरदा का मतलब होता है लाल गुलाब.
पिछले 5-10 सालों से भारत से चक्रवात का अनुमान बहुत अच्छे से किया जा रहा है. दो दिन पहले चक्रवात का ट्रैक आंध्र प्रदेश से अंदर महाराष्ट्र तक आ रहा था, लेकिन नए ऑब्जर्वेशन में पता चला कि ये वरदा चक्रवात थोड़ा नीचे जाएगा. इससे दक्षिण भारत में बारिश होगी. आज दोपहर को चेन्नई में इस चक्रवात से लैंडफॉल हुआ है.
चक्रवात के बीच के इलाके को ऑय कहते हैं और इसके इर्द-गिर्द तेज हवाएं चलती हैं. ऑय के बगल में वॉल रहती है और वहां पर घने बादल रहते हैं. जब ये वॉल आपस में टकराते हैं, तो जो भी बीच में आता है, वो नष्ट हो जाता है. चक्रवात टकराने के बाद छह घंटे तक उसकी इंटेनसिटी उतनी ही रहेगी और मंगलवार सुबह तक उसकी इंटेनसिटी कम हो जाएगी.
ऐसे में चेन्नई, वेल्लोर और तटीय इलाकों में 100 मिलीमीटर से बारिश होने की संभावना है. क्योंकि लो प्रेशर इलाके से बे ऑफ बंगाल से सारा मॉइस्चर इस इलाके में आ जाएगा. इससे बारिश तेज होगी.
जब तक ये चक्रवात समुद्र के ऊपर है, तब तक इसको बहुत एनर्जी मिलती रहती है, लेकिन जैसे ही जमीन से टकराता है, तो इसको एनर्जी मिलनी बंद हो जाती है. ऐसे में अगले दो दिनों तक दक्षिण भारत में बहुत बारिश की संभावना है, लेकिन इसका असर ऊपर वाले राज्यों पर जैसे महाराष्ट्र पर ज्यादा नहीं होगा. यहां कुछ दिनों तक बादल छाए रह सकते हैं. वरदा की वजह से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में भी बारिश होगी.