
लोकसभा चुनावों में कुछ ही दिनों का समय बचा है. सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हैं. नामांकन और प्रचार-प्रसार का दौर जारी है. उधर, चुनावी रैलियों में किसी भी तरह के विवादित और आपत्तिजनक बयानबाजी को लेकर चुनाव आयोग पहले ही सख्त हिदायत दे चुका है. बावजूद इसके नेता इस तरह की बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं. यही कारण है चुनाव आयोग में अब तक कई शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं.
इस कड़ी में कांग्रेस ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देंवेंद्र फड़णवीस और बीजेपी सोलापुर उम्मीदवार राम सतपुते के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में शिकायत दर्ज कराई है. आरोप है कि बीजेपी उम्मीदवार ने मोची समुदाय के लोगों के खिलाफ दर्ज केस लेने के संबंध में डिप्टी सीएम फडणवीस से फोन पर बातचीत की. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इसमें सतपुते कुछ लोगों के साथ बैठकर फडणवीस से बात करते नजर आ रहे हैं. इसमें वह मोची समदुाय के लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 के तहत दर्ज केस वापसी की बात कर रहे हैं.
वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने इसको मुद्दा बनाते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. कांग्रेस का आरोप है कि आचार सहिंता के बीच इस तरह से वोटर्स को खुश करने के लिए केस वापसी के कदम उठाए जा रहे हैं, जो कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन का उल्लंघन है. आरोप है कि ऐसा करके बीजेपी द्वारा वोटर्स को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है.
कांग्रेस नेता अशोक लोंढे ने बताया कि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आचार सहिंता का उल्लंघन किया है और अपने गृहमंत्री पद का दुरुपोग किया है. सोलापुर के उम्मीदवार ने फडणवीस के फोन करके कहा कि कुछ लोगों पर कोविड काल से धारा 353 का मुकदमा दर्ज है, उसे वापस लेना है. फोन पर उन्होंने (फडणवीस) कहा कि हां हम वापस ले लेंगे, इसमें चिंता की कोई बात नहीं है, ये पक्का है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में यह कहा है कि ऐसे केस वापसी के लिए एक कमेटी गठित होगी और उसकी सिफारिश के आधार पर केस को वापस लिया जा सकता है. ऐसे में चुनाव को सामने रखकर इस तरह की बातें करना आदर्श आचार सहिंता का उल्लंघन है और मतदाताओं को प्रभावित करने की बात है. ये साफ-साफ दिखता है. हमारी चुनाव आयोग से मांग की है फडणवीस को गृहमंत्री पद से हटाया जाए. इनके खिलाफ एक्शन लिया जाए क्योंकि इन्होंने अपने पद का दुरुपोग किया है.