
महाराष्ट्र में सरकार द्वारा कर्ज माफी के ऐलान के एक दिन बाद ही एक किसान के खुदकुशी करने की घटना सामने आई है. किसान ने कर्ज से परेशान होकर अपनी जान देदी. बीड़ जिले के नेकनूर गांव में 40 साल के युवराज तुलसीराम वाघमारे ने खेत की बावड़ी में आत्महत्या की. कहा जा रहा है कि उन पर डीसीसी बैंक का कर्ज थे, जिससे परेशान होकर उन्होंने जान दी.
इससे पहले शनिवार को महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को ऐतिहासिक तोहफा दिया. फडणवीस सरकार ने सूबे के किसानों के डेढ़ लाख रुपये तक के लोन को माफ किया. इससे 90 फीसदी किसानों को फायदा मिलेगा. किसानों के लोन माफ करने की इस योजना को छत्रपति शिवाजी महाराज कृषि सम्मान नाम दिया गया है. हालांकि इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को लाभ नहीं मिलेगा. साथ ही नियमित रूप से कर्ज भरने वाले किसानों को 25 फीसदी रिटर्न दिया जाएगा. महाराष्ट्र सरकार ने लोन लेकर किसानों को ये कर्ज माफी का तोहफा दिया है.
फडणवीस सरकार के इस फैसले से सरकारी कोष पर 34 हजार करोड़ रुपये का बोझ आएगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इसका सारा बोझ सरकार पर आएगा. इसके लिए सरकार अपने खर्चे में कटौती करेगी. साथ ही इसके लिए सभी विधायक और मंत्री अपनी एक महीने की सैलरी देंगे. पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र में किसानों का आंदोलन चर्चा में था.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन को देखते हुए 11 जून को देवेंद्र फड़नवीस सरकार ने कुछ शर्तों के साथ किसानों के कर्ज माफ करने को मंजूरी दे दी थी. छोटे किसानों का कर्ज तत्काल माफ कर दिया गया था, जबकि बड़े किसानों की सशर्त कर्ज माफी की बात कही गई थी. क्योंकि महाराष्ट्र में भी किसान आंदोलन की सुगबुगाहट तेज हो रही थी.