
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. चार दिन गुजर गए हैं. लेकिन, सत्तारूढ़ महायुति नए मुख्यमंत्री का चेहरा फाइनल नहीं कर पाई है. अलांयस के तीनों सहयोगी दलों में सत्ता का संतुलन बनाए रखने के लिए लगातार मंथन चल रहा है. बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि अलायंस के नेता बड़ी जीत से उत्साहित हैं. इसलिए इस बार ज्यादा जल्दबाजी के मूड में नहीं हैं. बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि सरकार बनने के बाद किसी भी अलांयस में सबसे ज्यादा खींचतान हैवीवेट मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर होती है, इसलिए पहले पोर्टफोलियो फाइनल किए जाने चाहिए, उसके बाद सीएम फेस घोषित किया जाएगा. यानी एनडीए, पहले विवादों की जड़ें खत्म करना चाहता है, उसके बाद सरकार के चेहरे को उजागर करने में विश्वास रख रहा है.
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी किसी वर्ग को नाराज नहीं करना चाहती है, इसलिए मुख्यमंत्री के चयन में खास सतर्कता बरत रही है. मंत्रालयों के बंटवारे में क्षेत्रीय संतुलन से लेकर जातीय समीकरणों को भी ध्यान में रखा जाएगा. यही वजह है कि तत्काल CM चेहरे का ऐलान किए जाने की अपेक्षा मंत्रिमंडल गठन को प्राथमिकता दी जा रही है.
अगले CM के निर्णय में हो सकती है देरी
महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो गया है. एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने नया सीएम बनने तक कार्यवाहक की जिम्मेदारी सौंप दी है. अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि महायुति में अगले मुख्यमंत्री के निर्णय में देरी सकती है.
बीजेपी ने रिकॉर्ड 132 सीटें जीतीं
विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन ने प्रचंड जीत हासिल की है. महायुति में बीजेपी के सबसे ज्यादा 132 उम्मीदवारों ने चुनाव जीता. शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की. JSS को 2 और RSJP को एक सीट पर जीत मिली. बीजेपी ने इस बार चुनाव में 149 उम्मीदवार उतारे थे. जबकि शिवसेना ने 81 और एनसीपी ने 59 प्रत्याशियों को टिकट दिया था.
पहले मंत्रालय बंटवारे के फॉर्मूले पर फोकस
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नतीजे आए चार दिन बीत गए हैं, लेकिन सहयोगी दलों के बीच मुख्यमंत्री चेहरे पर सहमति नहीं बन पाई है. बीजेपी के एक नेता ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व को मुख्यमंत्री पद के लिए किसी चेहरे का नाम घोषित करने की कोई जल्दी नहीं है. हमने निर्णायक जनादेश हासिल कर लिया है और अब प्राथमिकता सरकार गठन के लिए एक व्यापक योजना पर काम करने की है. पहले मंत्री पद को अंतिम रूप देना है और हैवीवेट मंत्रालयों का बंटवारा करना है. अलायंस में मंत्रालयों का बंटवारा सबसे अहम होता है. यही मनमुटाव और विवाद की वजह बनते है.
विवाद नहीं, समाधान चाहती है बीजेपी
बीजेपी के एक अन्य नेता ने रायगढ़ जिले के शिवसेना विधायक महेंद्र थोरावे के मामले का हवाला दिया. दरअसल, थोरावे ने स्थानीय राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण एनसीपी की अदिति तटकरे को जिला संरक्षक मंत्री की जिम्मेदारी दिए जाने का विरोध किया था. उन्होंने कहा, हम अब ऐसे मुद्दों का विवाद नहीं बनने देना चाहते हैं और इसका स्थानीय समाधान करना चाहते हैं. इसके लिए जरूरी होगा कि अलायंस में शामिल पार्टियां एक साथ बैठें और आगे बढ़ने से पहले विवादित मसलों पर समाधान खोजें और सहमति बनाएं.
महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सदस्य हैं. ऐसे में कैबिनेट और राज्य मंत्री दोनों में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं. कुल 36 जिले हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री के लिए यह जरूरी हो जाता है कि प्रत्येक जिले को प्रतिनिधित्व मिले.
सहयोगी दलों के संपर्क में है बीजेपी हाईकमान
पार्टी के एक नेता ने कहा, संसदीय सत्र शुरू हो गया है. केंद्रीय नेतृत्व उसमें काफी व्यस्त है. उसके बावजूद वो महाराष्ट्र बीजेपी नेताओं और सहयोगी दलों के साथ बैठकें कर रहा है. साथ ही संसद में फ्लोर मैनेजमेंट भी संभाल रहा है. जहां तक सीएम फेस की घोषणा का सवाल है तो बीजेपी हाईकमान केंद्रीय पर्यवेक्षकों की टीम को मुंबई भेज रहा है. ये टीम सबसे पहले सहयोगी दलों के नेताओं से मिलेगी. उसके बाद विधायकों से रायशुमारी करेगी. अंत में कैबिनेट फॉर्मूले को अंतिम रूप देगी. आपसी सहमति से विधायक दल के नेता की घोषणा की जाएगी.
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री को लेकर बीजेपी से देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना से एकनाथ शिंदे के नाम की चर्चा चल रही है. अजित पवार पहले ही सीएम रेस से पीछे हट गए हैं. उन्होंने फडणवीस को पहली पसंद के तौर पर संकेत दिए हैं.
शिंदे को दोबारा CM बनाने पर अड़ी शिवसेना
चूंकि, फडणवीस चुनावी अभियान में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरा थे. बीजेपी की रिकॉर्ड के जीत का श्रेय भी उनके हिस्से में जा रहा है. यही वजह है कि वे सीएम पद की रेस में सबसे आगे हैं. वहीं, शिवसेना नेताओं का तर्क है कि एकनाथ शिंदे को दोबारा सीएम बनाया जाए. गठबंधन में तीसरी पार्टी अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी है. NCP ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने हाल ही में कहा है कि फडणवीस उन्हें स्वीकार्य हैं. नवनिर्वाचित विधायकों समेत कई बीजेपी नेताओं ने भी मांग उठाई है कि फडणवीस को अगला मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.
वेट एंड वॉच की स्थिति में बीजेपी आलाकमान
CM पद और मंत्री पद के बंटवारे पर शिवसेना सूत्रों का कहना है कि बीजेपी आलाकमान ने वेट एंड वॉच की स्थिति अपना ली है. महाराष्ट्र के लिए बीजेपी ने अब तक पर्यवेक्षक नियुक्त नहीं किए हैं. ऐसे में बीजेपी विधायक दल की बैठक पर तारीख और समय तय नहीं हुआ है. महायुति में सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला तय होने के बाद मंत्री पद तय होंगे.
क्या फॉर्मूला हो सकता है तय?
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी 43 सदस्यीय कैबिनेट में गृह विभाग और कम से कम 20 मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है. जबकि शिवसेना 11-12 मंत्रालयों के साथ सरकार में नंबर दो पर रहना चाहती है. इसी तरह, एनसीपी को 10 विभाग दिए जाने की चर्चा है. इसके साथ ही अजित पवार के पास वित्त मंत्रालय बरकरार रखे जाने की संभावना है.