
पिछले कुछ दिनों से देश के तटियों इलाकों को नुकसान पहुचाने के बाद ओखी तूफान सोमवार सुबह से गुजरात का रुख कर चुका है. गुजरात की ओर जाने से रायगढ़ सहित कोंकण का तटीय क्षेत्र सुरक्षित तो है लेकिन मौसम विभाग के अनुसार डर अभी भी बना हुआ है.
रायगढ़ जिले के कई इलाकों से पिछले हफ्ते 250 से ज्यादा नौकाएं लेकर मछली पकड़ने के लिए मछुआरे समुंदर में गए हुए हैं. इनमें से 243 नौकाएं 4 दिसंबर तक वापस बुलाने में शासन कामयाब रहा है और बाकी नौकाएं वापसी की राह पर हैं. सोमवार शाम तक 7 मछुआरों की नाव में से तीन नावें लौटी हैं लेकिन 4 नाव समेत 25 मछुआरे अभी भी नहीं लौट पाए हैं.
3 दिसंबर की शाम से कोंकण के तटीय इलाके को ओखी से खतरे की बात बताई गई थी लेकिन ताजा स्थिति के हिसाब से ओखी का केंद्र बिंदु मुम्बई से 650 किलोमीटर है और गुजरात के सूरत से 870 किलोमीटर है. हवाओं की रफ्तार 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा बताई गई है. हालांकि अब यह रफ्तार 18 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है जिससे ओखी का प्रभाव कम हो गया है. ओखी तूफान के गुजरात की ओर जाने की बात मौसम विभाग के डायरेक्टर अरविंद श्रीवास्तव ने आजतक को बताया.
समुंदर में भले ही मछली पकड़ने पर रोक लगा दी गई हो लेकिन ऐसी अचानक आने वाली आपदा की जानकारी शासन की ओर से मिलने के कोई साधन नहीं हैं. वहीं मछुआरों ने कहा है कि समुंदर की लहरों से वह अनुमान लगा लेते हैं कि समंदर का मिजाज क्या होगा.