
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महा विकास अघाड़ी पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के साथ उद्धव ठाकरे के गठबंधन (MVA) पर सवाल उठाते हुए फडणवीस ने सोमवार को कहा कि उद्धव जी राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. क्या सोनिया गांधी या राहुल ने कभी बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि दी है या सम्मान दिखाने के लिए एक बार ट्वीट भी किया है?
फडणवीस ने सवाल उठाए कि उद्धव जिसके साथ चाहें गठबंधन कर सकते हैं. असली शिवसेना हमारे साथ है और हम बाला साहेब की विरासत को आगे ले जा रहे हैं. संजय राउत पर टिप्पणी करते हुए फडणवीस ने कहा, 'अगर आप सूरज पर थूकने की कोशिश करेंगे, तो यह आपके चेहरे पर वापस आ जाएगा. पीएम मोदी पर टिप्पणी करना सूरज पर थूकने जैसा है. राउत क्या कहते हैं, हमें इसकी परवाह नहीं है.'
सावरकर गौरव यात्रा में बोल रहे थे फडणवीस
दरअसल देवेंद्र फडणवीस मुंबई के चारकोप में भाजपा विधायक योगेश सागर द्वारा आयोजित सावरकर गौरव यात्रा में बोल रहे थे. बता दें कि 'वीर सावरकर गौरव यात्रा' राहुल गांधी की सावरकर पर की गई टिप्पणियों के जवाब के रूप में निकाली जा रही है.
उद्धव पर बोला हमला
फडणवीस ने उद्धव पर सवाल उठाते हुए कहा, जब उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे तब कांग्रेस ने अपने मुखपत्र में वीर सावरकर को समलैंगिक कहा था, लेकिन उस समय उद्धव ठाकरे इसके खिलाफ कुछ नहीं कह सके क्योंकि उस समय उन्हें सावरकर से ज्यादा मुख्यमंत्री की कुर्सी प्यारी थी. अब वे कहते हैं कि वे राहुल गांधी के बयान के खिलाफ हैं लेकिन आप (ठाकरे गुट) राहुल गांधी के उस बयान के खिलाफ क्या करेंगे?
सावरकर पर की गई टिप्पणी
मुंबई में 'वीर सावरकर गौरव यात्रा' में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, फडणवीस ने राहुल गांधी से पूछा, आपने कहा कि वीर सावरकर ने माफी मांगी और अंग्रेजों को पत्र लिखा. ये गलत है. सावरकर ने एक पत्र इसलिए लिखा क्योंकि उन्हें पता था कि अंग्रेज उन्हें रिहा नहीं करेंगे. तो उन्होंने लिखा, मुझे (सावरकर) रिहा मत करो बल्कि अन्य कैदियों को रिहा करो जिन्होंने तुम्हारे (अंग्रेजों) खिलाफ कुछ नहीं किया.
'गांधी जी ने लिखा था पत्र'
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, महात्मा गांधी ने सावरकर के रिश्तेदारों को पत्र लिखा, जो उनके (सावरकर) साथ कई वर्षों तक जेल में भी रहे और कहा - अन्य कैदियों को रिहा कर दिया गया. फिर उन्होंने सावरकर से कहा कि वह अंग्रेजों से भी कहें कि आपने उन्हें रिहा किया, मुझे (सावरकर) भी रिहा करें.