
अमेरिका में अवैध शरणार्थियों के खिलाफ हो रही सख्ती के बाद एक से बढ़कर एक कारनामे सामने आ रहे हैं. अब एक ऐसा केस सामने आया है, जिसमें एक हिंदू शख्स ने मुस्लिम नाम से अपना फर्जी पासपोर्ट बनवा लिया और अमेरिका पहुंच गया. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने अपनी सूझबूझ से उसे एयरपोर्ट पर ही पकड़ लिया और वापस भारत भेज दिया.
मामला गुजरात के अहमदाबाद का है. अहमदाबाद एयरपोर्ट पुलिस ने अमेरिका से डिपोर्ट किए गए वसीम खलील नाम के शख्स के खिलाफ FIR दर्ज करते हुए, उसे गिरफ्तार किया है. वसीम खलील का असली नाम जिग्नेश पटेल है. जिग्नेश ने मुस्लिम नाम वसीम खलील के नाम से पासपोर्ट बनवाया और अमेरिका पहुंचा, अमेरिका एयरपोर्ट पर पकड़े जाने के बाद जिग्नेश उर्फ वसीम को डिपोर्ट कर दिया गया.
अमेरिका में स्थायी होने का सपना
बताया जा रहा है कि आरोपी जिग्नेश पटेल (32) गुजरात में गांधीनगर जिले के कलोल का रहने वाला है. जिग्नेश अमेरिका में स्थायी होने का सपना देख रहा था, जिसके लिए उसने मुस्लिम नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवा लिया.
कनाडा से रवाना हुआ अमेरिका
जिग्नेश 3 फरवरी को वसीम खलील नाम के फर्जी पासपोर्ट के जरिए दिल्ली एयरपोर्ट से होते हुए एयर कनाडा की फ्लाइट के माध्यम से कनाडा पहुंचा. कनाडा पहुंचकर वह अमेरिका रवाना हुआ, लेकिन अमेरिका में चेकिंग के दौरान जिग्नेश उर्फ वसीम की पोल खुल गई और वो पकड़ा गया.
अमेरिका ने किया पनामा डिपोर्ट
अमेरिका में एयरपोर्ट पर ही पकड़े जाने के बाद जिग्नेश उर्फ वसीम को अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया. जिग्नेश अमेरिका से पनामा और फिर पनामा से दिल्ली पहुंचा. दिल्ली आने के बाद वह एयर इंडिया की फ्लाइट से अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचा. अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद जिग्नेश उर्फ वसीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ बीएनएस की धारा 319(2) और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12(4) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
SOG ने अपने हाथ में ली जांच
नियमों के मुताबिक अब इस मामले की जांच एसओजी कर रही है. एसओजी ने इस बात कि जांच शुरू कर दी कि गांधीनगर के जिग्नेश पटेल को वसीम के नाम से पासपोर्ट बनवाने में किस एजेंट ने मदद की. इसके लिए एजेंट ने कितनी रकमि वसूली और अमेरिका तक पहुंचाने के लिए क्या डील हुई.