
कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में आरोपी कट्टर हिंदुत्ववादी मिलिंद एकबोटे एक बार फिर सार्वजनिक रूप से आंदोलन में हिस्सा लेते हुए देखे गए हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने कोरेगांव भीमा में 2018 में हिंसा भड़काई थी. इस मामले में पुणे ग्रामीण पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. बाद में पुणे की अदालत ने आरोपी मिलिंद एकबोटे को अप्रैल 2018 में कुछ शर्तों के आधार पर जमानत दे दी थी. बाद में जनवरी 2019 में मिलिंद एकबोटे पर लगाई गईं पाबंदिया हटा ली गई थीं.
मगर जनवरी के बाद मिलिंद एकबोटे किसी समारोह या आंदोलन का नेतृत्व करते हुए पहली बार दिखाई दिए हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद समस्त हिन्दुत्वा आघाडी के अध्यक्ष मिलिंद एकबोटे पुणे के बाल गंधर्व चौक में आंदोलन करते हुए दिखाई दिए.
मिलिंद एकबोटे ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि कर्नाटक में जिस गौ रक्षक की हत्या हुई है, उसे वहां की सरकार आत्महत्या करार दे रही है. लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक सरकार गौरक्षकों पर हमेशा अन्याय करती रही है और कसाइयों का पक्षपात करती है. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से गुजारिश की है कि कर्नाटक के गौरक्षक शिव उब्बार हरदम के हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई हो.
उन्होंने कहा कि शिव उब्बार गौमाता की जान बचाने की कोशिश करता था. शिव उब्बार ने हजारों गायों की जान बचाई है. मिलिंद एकबोटे ने कहा कि गौरक्षक उब्बार की हत्या हुई है और इसके पीछे कर्नाटक के कसाइयों का हाथ है, उन पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.