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‘मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा…’ महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की मां ने कह दी अपने दिल की बात

महाराष्ट्र में 2,369 ग्राम पंचायतों के चुनाव के लिए रविवार को वोट डाले गए. इस मौके पर अजित पवार की मां आशा पवार ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया और मीडिया से भी बात की. उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है बेटा राज्य का मुख्यमंत्री बने.

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:49 AM IST

महाराष्ट्र में रविवार को 2359 ग्राम पंचायतों के लिए वोट डाले गए. राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार द्वारा अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करने और भाजपा-शिवसेना सरकार से हाथ मिलाने के बाद राज्य में यह पहला चुनाव है. इस चुनाव को अजित पवार की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है. वोटिंग के अजीत पवार की मां आशा पवार भी मतदान करने पहुंची. 

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वोट डालने के बाद, 84 वर्षीय आशा पवार ने मीडिया से बात की और इच्छा जताई कि अजित पवार मुख्यमंत्री बनें. उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारे में एक बार फिर अजित पवार के मुख्यमंत्री पद की चर्चा शुरू होने की संभावना है.

बेटे को सीएम बनते देखना चाहती हूं- आशा पवार

अजित पवार के सीएम बनने की संभावनाओं को लेकर पूछे गए एक सवाल पर आशा देवी ने कहा, 'बारामती में हर कोई उनसे प्यार करता है; हर कोई उनके बारे में बात करता है. साथ ही, एक मां होने के नाते, मुझे लगता है कि मेरे बेटे को मुख्यमंत्री बनना चाहिए. मैं अभी 84 साल की हूं और दूसरों की तरह, मैं भी अपने रहते हुए अजित पवार को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहूंगी. देखते हैं आगे क्या होता है. अब मैं यहां और क्या कह सकती हूं? बारामती में सभी लोग हमारे अपने लोग हैं, और हर कोई दादा (अजित पवार) से प्यार करता है.'

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आपको बता दें कि राज्य में रविवार को 2,068 ग्राम पंचायतों से ग्राम पंचायत सदस्यों के 2,950 पदों और सीधे निर्वाचित 130 सरपंच के पदों के लिए वोट डाले गए. इन पदों पर रिक्तियां अयोग्यता, मृत्यु, इस्तीफे आदि के कारण हुई थी. पंचायतों के चुनाव में पवार परिवार का गढ़ बारामती की काटेवाड़ी ग्राम पंचायत भी शामिल है.

आज घोषित होंगे पंचायत चुनाव के नतीजे

महाराष्ट्र में ग्राम पंचायत चुनाव विशिष्ट चुनाव प्रतीकों के तहत नहीं लड़े जाते हैं. लेकिन फिर भी, वे बहुत अहमयित रखते हैं, खासकर पार्टियों और स्थानीय नेतृत्व के बीच तीव्र राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता देखी जाती है जहां स्थानीय स्तर पर गठबंधन बनते और टूटते हैं. वोटों की गिनती 6 नवंबर यानि आज होगी. सबकी नजर इसके नतीजों पर रहेगी.

एनसीपी में 2 जुलाई को उस समय टूट हो गई थी जब अजित पवार और आठ विधायक एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. इसके बाद पार्टी के संस्थापक शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह ने उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की हैं जिन पर अभी फैसला नहीं आया है.

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