Advertisement

'मैं जहां जाता हूं वहीं मेरा मंत्रालय बन जाता है', बोले महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे

उद्धव ठाकरे को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. पहले उनके गुट के विधायक उनका साथ छोड़कर चले गए. जिसका खामियाजा यह हुआ कि उनके हाथ से सत्ता निकल गई. इसके बाद उनके सांसद भी बागी हो गए. लोकसभा में शिंदे गुट के सांसद को शिवसेना दल का नेता घोषित कर दिया गया. अब शिंदे ने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर शिवसेना पर दावा ठोक दिया है.

सीएम एकनाथ शिंदे ने मुंबई में एक रैली को किया संबोधित (फाइल फोटो) सीएम एकनाथ शिंदे ने मुंबई में एक रैली को किया संबोधित (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 20 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 12:03 AM IST
  • शिंदे ने शिवसेना की नई कार्यकारिणी का गठन किया
  • बागियों को अयोग्य घोषित करने का मामला SC में

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्हें हर समय मंत्रालय में बैठने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह जहां भी जाते हैं, अपने आधिकारिक काम को साथ लेकर चलते हैं. एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनका काम जारी रहता है फिर चाहे वह मंत्रालय में हों, दक्षिण मुंबई में स्थित राज्य सचिवालय या कहीं और.

Advertisement

उन्होंने रैली में कहा, "कल किसी ने आरोप लगाया कि मंत्रालय में कोई काम नहीं हो रहा है लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि मैं जहां जाता हूं, वहीं मंत्रालय बन जाता है. मैं कहीं भी जाऊं लेकिन दस्तावेजों और अन्य कागजात पर हस्ताक्षर करता रहता हूं."

शिंदे ने कहा, "जब मैं किसी समारोह में जाता हूं, तो भी मेरा काम नहीं रुकता है. एक बार कोई दस्तावेज मेरे पास आता है, तो मैं तुरंत उस पर हस्ताक्षर करता हूं. शायद ही किसी को इस तरह से काम करने का मौका मिलता है. मैं कागजात पर हस्ताक्षर करने से नहीं डरता क्योंकि हम कुछ गलत नहीं कर रहे हैं.

शिवसेना विवाद पर SC में 1 अगस्त को सुनवाई

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और एकनाथ गुट के बीच जारी सियासी जंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों से जवाब मांगा है. साथ ही मामले की सुनवाई 1 अगस्त टाल दी है. चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इस मामले की सुनवाई के लिए बड़ी बेंच बनाने के भी संकेत दिए. हालांकि, इसे लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया.

Advertisement

यह सुनवाई उद्धव गुट द्वारा दायर याचिकाओं पर हुई. उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे गुट में शामिल बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है. साथ ही राज्यपाल के उस फैसले को भी चुनौती दी है, जिसमें एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने का न्योता भेजा गया था. 

राहुल शेवाले को लोकसभा में शिवसेना के नेता

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल शेवाले को लोकसभा में शिवसेना के नेता के रूप में मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही भावना गवली चीफ व्हित बनी रहेंगी. इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी दावा किया था कि लोकसभा स्पीकर ने राहुल शेवाले को सदन के नेता के रूप में मान्यता दे दी है. लोकसभा स्पीकर के पास शिंदे और ठाकरे दोनों गुट की तरफ से आवेदन आए थे.

शिंदे शिवसेना पर किया दावा, आयोग को लिखा पत्र

महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार गिराने के बाद अब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर भी अपना दावा कर दिया है. शिंदे गुट की ओर से एक चिट्ठी चुनाव आयोग को भेजी है, जिसमें बताया गया है कि शिवसेना की नई कार्यकारिणी गठित कर ली गई है. इसमें एकनाथ शिंदे को मुख्य नेता बनाने के साथ ही अन्य नेता भी चुन लिए गए हैं. उनकी नियुक्ति भी प्रभावी हो गई है. लिहाजा पुरानी कार्यसमिति का अब कोई महत्व नहीं है.

Advertisement

हालांकि पिछले हफ्ते ही उद्धव ठाकरे गुट ने इसको लेकर पहले ही निर्वाचन आयोग को चिट्ठी भेज दी थी. उद्धव ने चिट्ठी में कहा था कि अगर कोई शिवसेना पर दावा करे तो उद्धव गुट की दलीलें भी सुनी जाएं. 

उद्धव सरकार के फैसलों की हो रही समीक्षा

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस पिछली महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के फैसलों की समीक्षा कर रहे हैं. पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में सीएम शिंदे ने कहा कि योजनाओं में तेजी लाने के लिए करोड़ों के ऋण को मंजूरी दी गई है.

वहीं डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शहरों के नामकरण पर निर्णय जल्दबाजी में लिया गया और उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि MVA सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक में कई शहरों के नाम बदलने का फैसला बेतरतीब ढंग से लिया गया था.

देवेंद्र सरकार के फैसलों को फिर से किया बहाल

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने पिछले दिनों बड़ा कदम उठाते हुए उन चार फैसलों को बहाल कर दिया है, जिन्हें 2015-2019 में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने शुरू किया था और 2019 के बाद उद्धव के नेतृत्व वाली महाविकास अघाडी सरकार ने रद्द किया था. 

एकनाथ शिंदे ने उद्धव सरकार के जिन चार फैसलों को बदला है, उनमें एपीएमसी मंडियों में किसानों के वोटिंग अधिकार को बहाल करना, इमरजेंसी के दौरान जेल में बंद लोगों को पेंशन फिर से शुरू करना और लोगों द्वारा सीधे ग्राम प्रधानों और नगर परिषद अध्यक्षों का चुनाव करना शामिल है. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement