
India Today Conclave Mumbai: इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कई मुद्दों पर विस्तार से बात की. उन्होंने राजनीति पर भी चर्चा की और महाराष्ट्र के विकास का भी एक रोडमैप बताया. जब उनसे मुंबई की सड़कों को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने एक डेडलाइन भी अपनी तरफ से दे दी.
दो साल में सड़के गड्ढा मुक्त कर देंगे- शिंदे
सीएम ने कहा कि दो साल के अंदर में मुंबई की सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया जाएगा. सड़कों को कंक्रीट का बनाया जाएगा, उन्हें सीमेंटेड किया जाएगा. एकनाथ शिंदे ने कहा कि पूरे महाराष्ट्र की सड़कों को ठीक करने में थोड़ा समय लगेगा, लेकिन दो साल के अंदर में मुंबई की सड़कों को पूरी तरह दुरुस्त कर दिया जाएगा. सभी सड़कें कंक्रीट की होंगी और उनका ठीक तरीके से रखरखाव भी किया जाएगा.
आपकी सरकार का मॉडल क्या होगा?
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उन्होंने कोई सीएम कुर्सी के लिए ये सरकार नहीं बनाई है. उनके लिए तो सीएम का मतलब ही कॉमल मैन होता है. वे जनता के आदमी हैं, जनता के लिए काम करते हैं, उन्हीं का विकास करते हैं. जब उनसे पूछा गया कि उनका सरकार चलाने का मॉडल क्या रहने वाला है, इस पर उन्होंने कहा कि वे तो प्रो डेवलपमेंट, प्रो पीपल वाली सरकार चलाते हैं. पहले क्या हो रहा था, ये सभी ने देखा है. पिछले ढाई साल तो सारा काम रुक चुका था. अब तो लोग त्योहार भी मनाते हैं. खुश रहते हैं, विकास होता है, इंफ्रास्ट्रक्टर तैयार हो रहा है.
2024 में आप ही रहेंगे सीएम फेस?
अब सरकार में तो शिंदे आ गए हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि उन्हें बीजेपी ने ये मौका दिया है. ऐसे में क्या आगे भी वे ही सीएम का चेहरा रहने वाले हैं, क्या 2024 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा? इस सवाल पर एकनाथ शिंदे ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने सिर्फ ये कहा कि सीएम बनान जनता का काम होता है, जनता चाहेगी तो कोई भी सीएम बन सकता है. उन्हें तो सिर्फ विकास करना है लोगों का, लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनानी हैं. हमारा काम तो सिर्फ अच्छा काम करना है, बाकी जनता के हाथ में है.
बगावत नहीं क्रांति की हमने- शिंदे
अब एकनाथ शिंदे को पूरा भरोसा है कि जनता का आशीर्वाद उनके साथ है. वे मानते हैं कि जो सत्ता परिवर्तन भी हुआ है, वो जनता की इच्छाओं को देखते हुए हुआ है. उनकी तरफ से कोई बगावत नहीं की गई, ये एक क्रांति थी. वे कहते हैं कि पैसों से तो सिर्फ दो से तीन विधायक हमारे साथ आ सकते थे. लेकिन यहां तो एक साथ 50 विधायक आए थे. ऐसा दुनिया में कही नहीं हुआ. ये तो एक क्रांति थी.
सत्ता परिवर्तन की कहानी सीएम की जुबानी
एकनाथ शिंदे के मुताबिक सरकार बदलने की पटकथा तो तब ही लिख दी गई थी जब महा विकास अघाड़ी ने 2019 में सत्ता संभाली थी. सीएम कहते हैं कि जनादेश बीजेपी और शिवसेना को साथ काम करने के लिए मिला था. जनता चाहती थी कि हम साथ आएं, साथ काम करें. अगर सीएम कुर्सी को लेकर कोई दिक्कत थी, तो बात की जा सकती थी. बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन कोई आज का नहीं 25 से 30 साल का है. पहले भी दिक्कतें आती थीं, लेकिन बाला साहेब ठाकरे और बीजेपी के बड़े नेता साथ बैठते थे और हल निकल जाता था. इस बार भी ऐसा किया जा सकता था. लेकिन उद्धव ने तो शायद पहले ही फैसला कर लिया था. वरना कौन चुनाव नतीजों के तुरंत बाद कहता है कि हमारे लिए सारे दरवाजे खुले हैं. मतलब उनके मन में पहले से कुछ चल रहा था.
अब इसके बाद सीएम ने बताया कि जब महा विकास अघाड़ी की सरकार बन गई थी, तब शिवसेना के विधायकों के क्षेत्रों में कोई काम नहीं हो रहा था. जनता नाराज थी, विधायक सवाल उठा रहे थे कि कैसे उनके सामने जाएंगे. तब हम भी कुछ नहीं कर पा रहे थे. उद्धव जी से कई बार मुलाकात की थी, उनसे कहा था कि फिर बीजेपी के साथ चले जाते हैं. लेकिन कोई बात नहीं बनी, फिर जब कोई समाधान नहीं दिखा तो जनता को ध्यान में रखते हुए क्रांति का फैसला हुआ.