
‘मटका क्वीन’ जया छेड़ा ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से छह याचिकाएं वापस ले लीं. इन याचिकाओं में उन्होंने महाराष्ट्र जुआ रोकथाम अधिनियम के तहत मुंबई की एक अदालत में चल रही कानूनी कार्यवाही और FIR को रद्द करने की मांग की थी.
जया ने पिछले साल हाईकोर्ट का रुख किया था. उनके अधिवक्ता तारक सैयद ने कहा कि सभी मामलों में आरोप एक जैसे ही हैं और सभी आरोपियों ने नाम एक ही सीरीज में दर्ज किए गए हैं. हालांकि, सरकारी वकील जेपी याग्निक ने गवाहों के बयान और अन्य सबूत पेश किए, जिनमें जया छेड़ा के जुआ कारोबार में संलिप्त होने का जिक्र था.
कोर्ट ने राहत देने से किया इनकार
जस्टिस भारती डांगरे और मंजुषा देशपांडे की पीठ ने याग्निक की दलीलों को सुनने के बाद, छेड़ा को राहत देने से इनकार कर दिया और उन्हें ट्रायल कोर्ट में जाकर अपनी रिहाई की अर्जी देने का निर्देश दिया.
बुधवार को सुनवाई के दौरान सैयद ने कहा कि उन्हें याचिकाएं वापस लेने का निर्देश मिला है, लेकिन छह मामलों ऐसा था, जिसमें पुलिस ने कहा कि छेड़ा के खिलाफ आरोपपत्र दायर नहीं किया गया है. उन्होंने अदालत का ध्यान एक अभियोजन दस्तावेज की ओर आकर्षित किया, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके.
इस पर जस्टिस डांगरे ने कहा कि जब उन पर आरोप नहीं है तो उन पर आरोप नहीं है तो उन्हें इसके बारे में कुछ भी करने की जरूरत नहीं है. हालांकि, सैयद ने कहा कि उसके खिलाफ अभी-भी मुकदमा चलाया जा रहा है और इसके लिए कार्रवाई चल रही है.
वहीं, जब इस बारे में कोर्ट ने याग्निक से पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि इस मामले में छेड़ा पर आरोप लगाया गया था. लेकिन गलती ये लिख गया कि छेड़ा पर आरोप नहीं लगाया गया है. इस बयान के बाद छेड़ा ने अपनी सभी छह याचिकाएं वापस ले लीं और अब वह ट्रायल कोर्ट जाने का फैसला किया.
'छेड़ा ने दायर की थी 16 याचिकाएं'
छेड़ा ने पहले 16 याचिकाएं दायर की थीं, जिनमें 13 अप्रैल 2022 से 30 जून 2022 के बीच दर्ज की गई 16 एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी. इन सभी मामलों को महाराष्ट्र जुआ रोकथाम अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया था.
सैयद ने तर्क दिया कि इन सभी एफआईआर को अलग-अलग पुलिस थानों में दो महीने के दौरान दर्ज किया गया है. और सभी एफआईआर में आरोपियों के नाम भी एक ही क्रम में थे. ये FIRs एक-दूसरे की कॉपी हैं. उन्होंने दावा किया कि ये एफआईआर पुलिसकर्मियों द्वारा छेड़ा से पैसे वसूलने के उद्देश्य से दर्ज की गईं थी.
सैयद ने यह भी बताया कि पहले की सुनवाई में अभियोजन पक्ष ने कहा था कि 16 में से 10 एफआईआर में मामले का समर्थन करने के लिए कोई सामग्री नहीं है और कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है.